Edited By ,Updated: 21 Jun, 2016 12:12 PM
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता को लेकर चीन का विरोध लगातार जारी है।
नई दिल्ली: परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता को लेकर चीन का विरोध लगातार जारी है। अब एनएसजी की अगली बैठक 24 जून को है और चीन ने पहले ही ये कह दिया है कि सोल बैठक में भारत की एनएसजी सदस्यता बहस के एजेंडे में नहीं है। ऐसे में भारत के लिए उसके चाहने वालों ने रास्ता निकाल ही लिया है।
खबरों की मानें तो 9 जून को विएना में एक बैठक हुई. जिसमें भारत की एप्लीकेशन स्वीकार कर ली गई थी। इसका मतलब ये हुआ कि भारत की सदस्यता पर सोल बैठक में डिस्कशन हो सकता है। हालांकि 9 जून की इस बैठक में चीन ने भारत की एंट्री पर यह कहकर अड़ंगा लगा दिया कि एनएसजी पहले उन देशों को इसमें शामिल करने पर सहमति बनाए जिन देशों ने एनपीटी (नॉन प्रॉलिफरेशन ट्रीटी) पर साइन नहीं किए हैं।
वहीं, भारत की एनएसजी में एंट्री को लेकर अर्जेंटीना इस ग्रुप के अन्य देशों के साथ प्लान बी डिसकस कर रहा है। दरअसल, अर्जेंटीना इस समय एनएसजी ग्रुप की अगुवाई कर रहा है। मीटिंग में इस ग्रुप के 48 देशों में से 29 ने भारत की एंट्री का समर्थन किया है। इस प्लान के तहत एक वर्किंग ग्रुप बनाया जाएगा, जो एनपीटी पर साइन न करने वालों को एनएसजी में एंट्री के लिए खाका तैयार करेगा। इस प्लान का मकसद यह है कि सोल में कम से कम भारत की सदस्यता को लेकर चर्चा तो हो ही सकती है।