भारत-मंगोलिया संबंध सुविधा नहीं विश्वास: सुषमा

Edited By vasudha,Updated: 25 Apr, 2018 06:28 PM

india mongolia relationship based on trust

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि भारत एवं मंगोलिया के बीच अनुठी भागीदारी है जो सुविधा के आधार पर न होकर विश्वास एवं आध्यात्मिक शक्ति से जुड़ा है...

नेशनल डेस्क: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि भारत एवं मंगोलिया के बीच अनुठी भागीदारी है जो सुविधा के आधार पर न होकर विश्वास एवं आध्यात्मिक शक्ति से जुड़ा है। सुषमा ने श्रद्धेय 19वें कुशक बकुल रिनपोचे के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर दिये गये मुख्य भाषण में यह बात कही। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म के जरिये आध्यात्मिक रिश्तों ने दोनों देशों के बीच संबंधों को बल प्रदान किया है।

विदेश मंत्री ने कहा कि कुशक बकुल न केवल एक प्रमुख बौद्ध नेता थे बल्कि मंगोलिया में सबसे अधिक समय तक सेवा देने वाले भारत के राजदूत थे। कुशक बकुल मंगोलिया में 1990 से 2000 तक भारत के राजदूत थे। वह जम्मू कश्मीर में मंत्री भी रह चुके थे। यह कार्यक्रम मंगोलिया में बौद्ध दर्शन के प्रोत्साहन तथा दोनों देशों के बीच सभ्यतागत एवं आध्यात्मिक संबंधों को मजबूती देने में उनके योगदान की याद में आयोजित किया गया।  

सुषमा ने कहा कि भारत एवं मंगोलिया के बीच अनूठी भागीदारी है। बौद्ध धर्म के जरिये आध्यात्मिक जुड़ाव ने संबंधों को मजबूती दी। यह सुविधा की भागीदारी नही है बल्कि विश्वास एवं आध्यात्मिक शक्ति ( पर आधारित ) वाले संबंध है। विदेश मंत्री कल ही यहां दो दिवसीय दौर पर पहुंची थीं। संसाधनों से सम्पन्न इस देश की पिछले 42 सालों में यात्रा करने वाली सुषमा पहली भारतीय विदेश मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने अल्प तरीकों से अपने मंगोलियाई मित्रों के साथ बौद्ध विरासत की सुरक्षा एवं संरक्षण करने का प्रयास कर रहे हैं। 
 

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