डिप्लोमैटिक नोट भेजकर भारत ने नेपाल के नए नक्शे का किया विरोध, दावा किया खारिज

Edited By Yaspal,Updated: 09 Jul, 2020 07:10 PM

india opposes new map of nepal by sending diplomatic notes

भारतीय इलाकों को नए नक्शे में शामिल करने को लेकर केंद्र सरकार ने डिप्लोमैटिक नोट भेजकर नेपाल सरकार के सामने आपत्ति जाहिर की है। नेपाल मीडिया ने नेशनल असेंबली के एक सदस्य के हवाले से बताया है कि नई दिल्ली की ओर से 24 जून को डिप्लोमैटिक नोट भेजकर...

नई दिल्लीः भारतीय इलाकों को नए नक्शे में शामिल करने को लेकर केंद्र सरकार ने डिप्लोमैटिक नोट भेजकर नेपाल सरकार के सामने आपत्ति जाहिर की है। नेपाल मीडिया ने नेशनल असेंबली के एक सदस्य के हवाले से बताया है कि नई दिल्ली की ओर से 24 जून को डिप्लोमैटिक नोट भेजकर विरोध जताया गया है।

काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, डेलीगेटेड राइट्स मैनेजमेंट एंड गवर्नमेंट एस्योरेंस कमिटी के चेयरमैन और नेशनल असेंबली के सदस्य नारायण बिदारी ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने कमिटी को बैठक के दौरान बताया कि भारत ने डिप्लोमैटिक नोट भेजकर भारतीय दावों वाले इलाकों को नक्शे में शामिल किए जाने का विरोध किया है और नेपाल के दावों को खारिज किया है। नेपाल सरकार ने 20 जून को नया राजनीतिक नक्शा पेश किया था, जिसे बाद में संसद के दोनों सदनों ने पास किया।

अभी तक नेपाल या भारत की ओर से यह जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई थी। नेपाल की ओर से नक्शा जारी किए जाने के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक बयान जारी करके इसे तथ्यों और सबूतों के आधार के बिना एकतरफा कार्रवाई करार दिया था। श्रीवास्तव ने कहा था, ''कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को शामिल करते हुए नेपाल के नए राजनीतिक नक्शे का प्रकाशन बातचीत के जरिए द्वपक्षीय मुद्दों को सुलझाने के समझ के विरपीत है।''

लिपुलेख होते हुए कैलाश मानसरोवर जाने वाली एक सड़क का उद्घाटन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा किए जाने के बाद नेपाल ने नए नक्शे का विवाद खड़ा किया। केपी शर्मा ओली की सरकार ने नया नक्शा जारी किया, जिसमें भारतीय इलाकों कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को शामिल कर लिया गया।

 

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