Edited By Tanuja,Updated: 29 Aug, 2018 02:44 PM
सिंधु जल समझौते पर बातचीत करने और तमाम मसलों को सुलझाने के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच आज से स्थायी सिंधु आयोग (पीआईसी) की लाहौर में बैठक होने जा रही है। 29 और 30 अगस्त को होने वाली यह बैठक दोनों ही देशों के लिए काफी खास है...
इस्लामाबादः सिंधु जल समझौते पर बातचीत करने और तमाम मसलों को सुलझाने के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच आज से स्थायी सिंधु आयोग (पीआईसी) की लाहौर में बैठक होने जा रही है। 29 और 30 अगस्त को होने वाली यह बैठक दोनों ही देशों के लिए काफी खास है। इस बैठक के दौरान दोनों पक्ष सिंधु जल समझौते के तहत विभिन्न मामलों पर बातचीत करेंगे। 28 अगस्त को पाकिस्तान आयुक्त सैयद मेहर अली शाह और अतिरिक्त जल आयुक्त शेराज जमील ने लाहौर पहुंचे भारतीय दल का जोरदार स्वागत किया। पाकिस्तान में नई सत्तासीन इमरान खान की सरकार के आने के बाद यह पहला मौका है जब दोनों देशों के बीच सिंधु जल समझौते पर कोई बैठक हो रही है।
भारत-पाकिस्तान के बीच हो रही इस अहम वार्ता से पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने स्थानीय मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि दोनों देशों के बीच जल आयोग की बैठक काफी समय से नहीं हुई थी। यह दो देशों के बीच क्षेत्र का नहीं बल्कि पानी की समस्या का मामला है। पाकिस्तान सूखे इलाके में आता है, ऐसे में देश पर पानी की कमी का असर पड़ सकता है। संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने पिछले दिनों कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुआ सिंधु जल समझौता दोनों देशों के विवादों के बीच भी बचा रहा और नदी जल बंटवारे को लेकर उपजे विवादों को सुलझाने की रूपरेखा तैयार करने में मददगार साबित हुआ।
उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में जल उपयोग एक ऐसा क्षेत्र रहा है जहां कुछ देशों के बीच सहयोग संभव रहा है। वहीं मध्य एशिया में अमरीका अराल सागर को बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ निकट सहयोग कर रहा है। 2017 के सिंतबर महीने में भी इस मुद्दे पर एक बैठक का आयोजन किया गया था जो पूरी तरह से बेनतीजा रही थी। इस बैठक में दोनों देशों के बीच कोई समझौता नहीं हो सका था। कयास लगाए जा रहे हैं कि आज से शुरू हो रही इस बैठक में दोनों देश किसी नतीजे पर पहुंचेंगे।