Edited By rajesh kumar,Updated: 16 Nov, 2020 04:52 PM
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि सीमापार से आतंकवाद को झेल रहे भारत ने उसे सभी के सामने लाने के लिए अथक परिश्रम किया है और धीरे-धीरे दुनिया भी अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की वैश्विक प्रकृति को समझने लगी है।
नेशनल डेस्क: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि सीमापार से आतंकवाद को झेल रहे भारत ने उसे सभी के सामने लाने के लिए अथक परिश्रम किया है और धीरे-धीरे दुनिया भी अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की वैश्विक प्रकृति को समझने लगी है। पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि भौगोलिक रूप से भारत के निकटतम पड़ोसियों में से एक देश सरकार प्रायोजित सीमापार आतंकवाद में शामिल है।
इसे सबकी नजर में रखा
यहां इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) में आयोजित एक कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘हमारे निकटतम पड़ोस में ही सीमापार से होने वाले सरकार प्रायोजित आतंकवाद का सटीक उदाहरण मौजूद है। दुनिया धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की वैश्विक प्रकृति को समझने लगी है।' मंत्री ने कहा हमारे अथक प्रयासों के कारण हमने आतंकवाद के वित्त पोषण, कट्टरता और साइबर भर्ती आदि पहलुओं की ओर सभी का ध्यान आकर्षित करते हुए इसे सबकी नजर में रखा है।
24 लाख से ज्यादा भारतीयों को वापस लाया गया
वंदे भारत मिशन के संबंध में उन्होंने कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान भारत ने विदेशों से अपने 24 लाख से ज्यादा नागरिकों की वापसी कराई। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान भारत ने एक लाख से ज्यादा विदेशी नागरिकों को उनके घर भी वापस भेजा है। जयशंकर ने कहा कि हवाई, सड़क और जल मार्ग से 24 लाख से ज्यादा भारतीयों को वापस लाया गया। हमने एअर इंडिया से लेकर भारतीय नौसेना तक अपने सभी संसाधनों को इस काम में लगाया।
महामारी के दौरान हमने कई सबक सीखे
उन्होंने कहा, ‘हमारी मंशा एकदम स्पष्ट थी, आज का भारत किसी भी भारतीय को तकलीफ में विदेश में नहीं छोड़ेगा।' उन्होंने कहा, ‘आखिरकार हम ऐसी अनोखी अर्थव्यवस्था हैं जो बहुत हद तक लोगों की आवाजाही और दूसरे जगह जाकर काम करने पर आधारित है। हमारी साख घर की तरक्की में योगदान देने के लिए विदेशों में काम कर रहे लोगों को दिए जाने वाले आश्वासन पर निर्भर है।' जयशंकर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान हमने कई सबक सीखे हैं और आने वाले दिनों में वो व्यवहार में दिखेंगे भी।