Edited By vasudha,Updated: 29 Jun, 2020 04:32 PM
वैश्विक महामारी कोविड-19 से जूझ रहा भारत सीमा पर भी चुनौतियों का सामना कर रहा है। हालांकि अब देश की तरफ आंख उठाकर देखने वालों की खैर नहीं, क्योंकि हमारी सेना जमीन से लेकर आसमान तक दुश्मन से लोहा लेने के लिए तैयार हो रही है। दरअसल ''गेमचेंजर'' माने...
नेशनल डेस्क: वैश्विक महामारी कोविड-19 से जूझ रहा भारत सीमा पर भी चुनौतियों का सामना कर रहा है। हालांकि अब देश की तरफ आंख उठाकर देखने वालों की खैर नहीं, क्योंकि हमारी सेना जमीन से लेकर आसमान तक दुश्मन से लोहा लेने के लिए तैयार हो रही है। दरअसल 'गेमचेंजर' माने जाने वाले राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप जुलाई के महीने में भारत पहुंच रही है।
सूत्रों के अनुसार 27 जुलाई को फ्रांस से उड़ान भरने के बाद ये विमान भारत के अंबाला शहर स्थित एयर फोर्स स्टेशन पर लैंड करेंगे। पहले चार राफेल विमान आने वाले थे, लेकिन बताया गया है कि अब छह विमान भारत पहुंचेंगे। भारतीय वायुसेना के पायलट ने इन विमानों की ट्रेनिंग ले ली है। राफेल विमान का पहला स्क्वाड्रन अंबाला में तैनात होगा, जबकि दूसरा स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हसीमारा में तैनात किया जाएगा।
भारत ने लगभग 58 हजार करोड़ रुपये में 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। सिंह ने फ्रांस के एक हवाई प्रतिष्ठान में आठ अक्टूबर को पहला राफेल विमान प्राप्त किया था, लेकिन इसे अभी भारत लाया जाना बाकी है। ऐसी आशंकाएं थीं कि कोरोना वायरस महामारी के चलते राफेल विमानों की आपूर्ति में विलंब हो सकता है।
जानिए कितना ताकतवर है राफेल
- राफेल 4.5 जेनरेशन मीडियम मल्टीरोल एयरक्राफ्ट है।
- मिटयोर मिसाइल की रेंज करीब 150 किलोमीटर है।
- हवा से हवा में मार करने वाली ये मिसाइल दुनिया की सबसे घातक हथियारों में गिनी जाती है।
- राफेल फाइटर जेट लंबी दूरी की हवा से सतह में मार करने वाली स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हवा से हवा में मार करने वाली माइका मिसाइल से भी लैस है।