Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Oct, 2017 11:45 PM
विदेश सचिव एस. जयशंकर से पूछा गया कि क्या भारत और जापान मिलकर चीन के मुकाबले में कनेक्टिविटी के प्रॉजेक्ट चला रहे हैं, इस पर जापान के राजदूत की मौजूदगी में जयशंकर ने कहा, ''चीन के साथ इस मामले में तुलना हमारे साथ न्याय नहीं होगा।
नई दिल्लीः वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) से जुड़ने की चीन की सलाह के बीच विदेश सचिव एस. जयशंकर ने कहा है कि दक्षिण एशिया के लिए कनेक्टिविटी का कोई भी प्रॉजेक्ट अच्छा है, बशर्ते वह सिद्धांतों के मुताबिक हो, टिकाऊ हो और स्थानीय संवेदनाओं का सम्मान करे।
राजधानी में एक थिंक टैंक के कार्यक्रम में जयशंकर से पूछा गया कि क्या भारत और जापान मिलकर चीन के मुकाबले में कनेक्टिविटी के प्रॉजेक्ट चला रहे हैं, इस पर जापान के राजदूत की मौजूदगी में जयशंकर ने कहा, 'चीन के साथ इस मामले में तुलना हमारे साथ न्याय नहीं होगा। भारत कनेक्टिविटी के मामले में कई तरह से अगुआ रहा है। ग्रैंड ट्रंक रोड तो बाद में आया, सिल्क रोड पर हमारा दावा किसी और से ज्यादा है। किसी वक्त हमारी ब्रैंडिंग खो गई।'
वन बेल्ट वन रोड की ओर इशारा करते हुए जयशंकर ने कहा, 'इस बारे में हमने शुरू में जो कहा, वह सिर्फ हमारा विचार माना गया। हमें अलग-थलग माना गया, लेकिन हाल में हमने देखा कि कनेक्टिविटी के प्रॉजेक्ट कैसे आगे बढ़े? इस बारे में हमने जो चिंताएं सामने रखी थीं, वह दुनिया के और हिस्सों से भी सामने आईं। अमेरिका, जापान और यूरोप में भी यही कहा गया। हम कनेक्टिविटी के बारे में दुनिया की राय को प्रभावित कर सकते हैं और आने वाले वर्षों में हम अपने काम से इसका एक मॉडल स्थापित कर सकते हैं।'
गौरतलब है कि इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, ‘‘हम बेल्ट एंड रोड इनीशियेटिव में भागीदारी के लिए भारत समेत अन्य देशों का स्वागत करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि बीआरआई का उद्देश्य सभी देशों की साझा समृद्धि और क्षेत्रीय देशों के बीच संपर्क को बढ़ावा देना है।