Edited By Tanuja,Updated: 07 Jul, 2019 11:21 AM
कश्मीर मुद्दे पर एक बार फिर पाकिस्तान के झूठ की पोल खुल गई है। भारत के एक राजनयिक ने कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान को करारा जबाव दिया है। भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन में प्रथम सचिव...
इस्लामाबादः कश्मीर मुद्दे पर एक बार फिर पाकिस्तान के झूठ की पोल खुल गई है। भारत के एक राजनयिक ने कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान को करारा जबाव दिया है। भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन में प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने कहा कि इस्लामाबाद की स्वनिर्णय (सेल्फ डिटरमिनेशन) की परिकल्पना असल में सरकार प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद है।
जेनेवा में UNHRC के 41वें सत्र के दौरान भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन में प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने पाकिस्तान के झूठे प्रचार की निंदा की। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अविभाज्य हिस्सा है। साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ी समस्या पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को सक्रिय प्रोत्साहन से पैदा होती है। पाकिस्तान सरकार की नीति आतंकवाद को बढ़ावा देने की है जिससे कश्मीर के लोगों के जीवन के अधिकार का लगातार उल्लंघन हो रहा है।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ से आने वाले आर्यन ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा अपनाया गया स्वनिर्णय का सिद्धांत दुनिया के देशों के लिए गंभीर खतरा है, जहां अनेक जाति और धार्मिक समुदाय साथ-साथ निवास करते हैं। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान जिस स्वनिर्णय की परिकल्पना करता है वह वास्तव में सरकार प्रायोजित सीमापार आतंकवाद है और असल में समर्थन का मतलब भारत के खिलाफ आतंकवाद को सैन्य, वित्तीय और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करना है।’ आर्यन ने कहा, ‘पाकिस्तान को 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर अधिघोषणा के तहत अपनी प्रतिबद्धता पूरी करनी चाहिए।’