Edited By Seema Sharma,Updated: 05 Dec, 2018 12:27 PM
प्राकृतिक आपदाओं से हुई मौतों में भारत दुनिया में दूसरा सबसे खराब देश बताया जा रहा है। पुअर्तो रीको इस मामले में पहले नंबर पर है। मंगलवार को पोलैंड में हुई UN क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस में बताया गया
नई दिल्ली: प्राकृतिक आपदाओं से हुई मौतों में भारत दुनिया में दूसरा सबसे खराब देश बताया जा रहा है। पुअर्तो रीको इस मामले में पहले नंबर पर है। मंगलवार को पोलैंड में हुई UN क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि भारत ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स (CRI) में दूसरे नंबर पर है। भारत में प्राकृतिक आपदाओं से मरने वाले लोगों के आकंड़ों में इजाफा हुआ है। जबकि साल 2017 में खराब मौसम के कारण होने वाली त्रासियों और लोगों की मौत में भारत 14वें नंबर पर था। 2015 में इस मामले में चौथे और 2016 में छठे नंबर पर था लेकिन इस साल भारत दूसरे नंबर पर आ गया है जोकि एक बहुत बुरी स्थिति है।
ऐसे तैयार होती है रिपोर्ट
क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स (CRI) जलवायु परिवर्तन से जुड़ी वजहों के आधार पर किसी भी देश के प्रति लाख आबादी के हिसाब से वहां लोगों की मौत के आकड़ों पर जीडीपी को होने वाले नुकसान पर विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार की जाती है। किसी भी देश में आई बाढ़, चक्रवात, सुनामी, लू और शीत लहर का आकंलन किया जाता है और साथ में देश को इनसे होने वाले नुकसान और लोगों की मौत पर रिपोर्ट बनाई जाती है।
इस साल की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2017 में प्राकृतिक आपदाओं से 2,736 मौतें हुईं जबकि पुअर्तो रीको में 2,978 मौते हुईं। ये आंकड़े बर्लिन के स्वतंत्र संगठन जर्मनवॉच ने जारी किए हैं। संगठन ने दोनों देशों- भारत और पुअर्तो रीको को आगाह किया और भविष्य प्रकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है ताकि लोगों को अपनी जान न गंवानी पड़े। जर्मनवॉच के दस्तावेजों के मुताबिक सिर्फ 2017 में पूरी दुनिया में 11,500 लोगों की मौत हुईं। बता दें कि इसी साल केरल में आई बाढ़ से कई लोगों की मौत हो गई थी। वहीं तितली और गजा चक्रवात ने भी भारत में काफी तबाही मचाई।