Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Dec, 2017 12:32 PM
विदेशों में जमा भारतीयों के काले धन का पता लगाने के लिए भारत ने वीरवार को स्विट्जरलैंड के साथ एक करार किया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि इस करार से एक जनवरी से दोनों देशों के बीच कर संबंधी सूचनाओं का आदान प्रदान हो सकेगा।...
नई दिल्ली: विदेशों में जमा भारतीयों के काले धन का पता लगाने के लिए भारत ने वीरवार को स्विट्जरलैंड के साथ एक करार किया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि इस करार से एक जनवरी से दोनों देशों के बीच कर संबंधी सूचनाओं का आदान प्रदान हो सकेगा।
सीबीडीटी ने कहा, ‘‘स्विट्जरलैंड में संसदीय प्रक्रिया पूरी होने के साथ और आपसी सहमति के करार पर दस्तखत के बाद भारत और स्विट्जरलैंड 1 जनवरी, 2018 से कर सूचनाओं का स्वत: आदान प्रदान कर सकेंगे।’’ आयकर विभाग के नीति बनाने वाले शीर्ष निकाय ने कहा कि इस करार पर सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा तथा भारत में स्विट्जरलैंड के राजदूत एंड्रेयास बाउम ने यहां नार्थ ब्लाक में हस्ताक्षर किए।
दोनों पक्षों के बीच सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान के क्रियान्वयन के लिए पिछले महीने संयुक्त घोषणा पर दस्तखत किए गए थे। इसमें यह व्यवस्था थी कि दोनों देश 2018 से वैश्विक मानदंडों के अनुरूप आंकड़ों का संग्रहण शुरू करेंगे और 2019 से इनका आदान प्रदाऩ किया जाएगा। घोषणा पर दस्तखत के साथ स्विट्जरलैंड ने सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान के वैश्विक मानदंडों को पूरा कर लिया है। वहीं भारत ने अपनी ओर से आंकड़ों की गोपनीयता का वादा किया है।