ब्रिटेन ने डिग्रियों को लेकर भारत के समक्ष रखी समझौते की पेशकश,  भारतीय छात्रों को होगा फायदा

Edited By Tanuja,Updated: 15 Apr, 2018 12:59 PM

india uk can sign a deal on degrees

ब्रिटेन ने भारत के सामने एक डील रखी है  जिसके तहत दोनों देशों के छात्रों की डिग्रियों को एक जैसी मान्यता देने का प्रस्ताव रखा गया है

लंदनः ब्रिटेन ने भारत के सामने दोनों देशों के छात्रों की डिग्रियों को एक जैसी मान्यता देने के समझौते की पेशकश रखी है । अगर यह समझौता सिरे चढ़ जाता है तो  ब्रिटेन और भारत के पोस्ट-ग्रैजुएशन को दोनों  देशों में मान्य माना जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते द्वीपक्षीय वार्ता के लिए ब्रिटेन जाएंगे। माना जा रहा है कि वार्ता के दौरान यह मुद्दा उठाया जाएगा। यदि यह समझौता हो जाता है तो इससे हर साल 14 हजार भारतीय छात्रों को फायदा मिलेगा।

इस समय यदि भारतीय छात्र ब्रिटेन से पोस्ट-ग्रैजुएशन की डिग्री लेकर लौटते हैं तो वह भारत में पीएचडी के लिए योग्य नहीं रहते हैं क्योंकि ब्रिटेन में एक साल में जबकि भारत में 2साल में मास्टर डिग्री मिलती है। भारत इससे पहले यूरोपीय यूनियन के साथ इस तरह का समझौता कर चुका है। इस मामले पर ब्रिटिश उच्चायुक्त डोमिनिक क्यूसिथ का कहना है कि हमें खुशी होगी अगर भारत हमारे साथ यह समझौता करेगा। फ्रांस के राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान भारत ने उसके साथ यह समझौता किया था।

ब्रिटेन के विश्वविद्यालय 20 शीर्ष यूनीवर्सिटीज में गिने जाते हैं। अगर फ्रांस के 12 से 15 महीने के मास्टर्स को भारत अपने यहां मान्यता दे सकता है तो कोई कारण नहीं है कि भारत और ब्रिटेन इस तरह का समझौता नहीं कर सकते। दुनिया के 91 देशों में भारत के 5 लाख 86 हजार से ज्यादा छात्र पढ़ाई के लिए जाते हैं। दूसरी ओर भारत में पढ़ाई के लिए आने वाले दूसरे देशों के छात्रों की संख्या करीब 70 हजार है। इस समय करीब एक लाख भारतीय छात्र कनाडा में हैं वहीं अमरीका में 20 हजार से अधिक भारतीय छात्र पढ़ाई के लिए गए हुए हैं। 84 से अधिक भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रहे हैं।

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