Edited By Seema Sharma,Updated: 23 Aug, 2018 09:23 AM
बाढ़ का कहर झेल रहे केरल को दुनिया भर से कई देश मदद की पेशकश कर रहे हैं लेकिन भारत सरकार ने अपने सभी दूतावासों से कहा है कि केरल के लिए विदेशी सरकारों से आ रही मदद न लें। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने दूतावासों को एक मेल जारी कर कहा कि भारत में 2004...
नई दिल्ली: बाढ़ का कहर झेल रहे केरल को दुनिया भर से कई देश मदद की पेशकश कर रहे हैं लेकिन भारत सरकार ने अपने सभी दूतावासों से कहा है कि केरल के लिए विदेशी सरकारों से आ रही मदद न लें। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने दूतावासों को एक मेल जारी कर कहा कि भारत में 2004 से यह नीति है कि घरेलू आपदाओं में सरकार स्व-संसाधनों से निपटती है और विदेश से तब तक किसी प्रकार की सहायता नहीं लेती जब तक उसे जरूरत न हो। वहीं केरल ने केंद्र के फैसले पर संतुष्ट नहीं है।
केरल के सीएम पिनराई विजयन ने केंद्र को 2016 राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन नीति की याद दिलाते हुए कहा कि अगर किसी अन्य देश की सरकार स्वैच्छिक रूप से आपदा पीड़ितों के साथ एकजुटता में सद्भावना के तौर पर सहायता प्रदान करती है, तो केंद्र सरकार प्रस्ताव स्वीकार कर सकती है। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ओमन चांडी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि विदेशी वित्तीय सहायता को स्वीकार करने के खिलाफ अगर कोई बाधा मौजूद है तो कृपया इस मामले में गंभीरता से विचार करें और उपयुक्त संशोधन लाएं।
उन्होंने कहा कि नियम ऐसे होने चाहिएं जो लोगों की परेशानियां दूर कर सकें। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई) ने केरल बाढ़ राहत अभियान के लिए करीब 700 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता देने की पेशकश की थी। जिसके बाद से इस पर चर्चा चल रही है कि विदेशी सरकारों से मदद ली जाए या नहीं।