Edited By Tanuja,Updated: 13 Nov, 2018 06:16 PM
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों से संबंधित वित्तीय संकट पर चिंता जताई है और विभिन्न देशों से इसमें योगदान बढ़ाने की अपील की है। इसके साथ ही भारत ने कहा है कि यह समर्थन लाखों फिलिस्तीनी शरणार्थियों के साथ अपनी एकजुटता जारी रखने का...
न्यूयॉर्कः संयुक्त राष्ट्र में भारत ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों से संबंधित वित्तीय संकट पर चिंता जताई है और विभिन्न देशों से इसमें योगदान बढ़ाने की अपील की है। इसके साथ ही भारत ने कहा है कि यह समर्थन लाखों फिलिस्तीनी शरणार्थियों के साथ अपनी एकजुटता जारी रखने का व्यावहारिक तरीका होगा। बता दें कि फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत कार्य एजेंसी (UNRWA ) की स्थापना सात दशक पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई गयी थी। यह एजेंसी 54 लाख फिलिस्तीनी शरणार्थियों की देखभाल करती है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन के प्रथम सचिव महेश कुमार ने सोमवार को कहा कि यूएनआरडब्ल्यूए के सभी संसाधन स्वैच्छिक योगदान से आते हैं और दान देने वालों की संख्या भी सीमित है। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था अनिश्चितताओं से भरी हुई है। UNRWA पर संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में कुमार ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य सहित विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में फिलिस्तीनी शरणार्थियों की सेवाएं ऐसी स्थिति में प्रभावित हो सकती हैं।
कुमार ने रेखांकित किया कि संयुक्त राष्ट्र बोर्ड ऑफ ऑडिटर की नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि एजेंसी को अनुमानित तौर पर कुल 45 करोड़ डॉलर का कम योगदान प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा, 'हम अन्य पारंपरिक दाताओं से UNRWA में योगदान बढ़ाने पर विचार करने के लिए अपील करते हैं। इसके अलावा ऐसे सदस्य जो योगदान नहीं करते, उनसे दान करने के लिए विचार करने की अपील करते हैं।' गौरतलब है कि अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने अगस्त में कहा था कि अमेरिका UNRWA में अतिरिक्त योगदान नहीं देगा।