Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jul, 2018 09:27 PM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीलंका को दक्षिण एशिया में विश्वसनीय साझीदार बताते हुए शनिवार को कहा कि अच्छे-बुरे समय में भारत सबसे पहले उसके साथ खड़ा होगा। मोदी ने भारत की मदद से आपात एंबुलेंस सेवा सुविधा का विस्तार समूचे श्रीलंका में किए जाने के...
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीलंका को दक्षिण एशिया में विश्वसनीय साझीदार बताते हुए शनिवार को कहा कि अच्छे-बुरे समय में भारत सबसे पहले उसके साथ खड़ा होगा। मोदी ने भारत की मदद से आपात एंबुलेंस सेवा सुविधा का विस्तार समूचे श्रीलंका में किए जाने के मौके पर वीडियो कांफ्रेन्स के जरिए अपने संबोधन में कहा कि भारत श्रीलंका को केवल एक पड़ोसी के रूप में नहीं बल्कि दक्षिण एशिया और हिन्द महासागर परिवार में एक विश्वसनीय साझीदार के रूप में देखता है।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि श्रीलंका के साथ हमारा विकास सहयोग साझा प्रगति के विजन को हकीकत में बदलने का माध्यम है। पहले चरण में यह सेवा जुलाई 2016 में देश के पश्चिमी और दक्षिणी प्रांतों में शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपात एंबुलेंस सेवा को पूरे श्रीलंका में लागू करने की पहल दोनों देशों की विकास भागीदारी की महत्वपूर्ण उपलिध है। वह जब 2015 में श्रीलंका यात्रा पर गए थे तो प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने इस सेवा को शुरू करने के बारे में बात की थी।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जब वह दौबारा श्रीलंका की यात्रा पर गए तो उन्होंने इस सुविधा को पूरे देश में शुरू करने का वादा किया था। यह खुशी की बात है कि भारत ने समय रहते अपने वादे को पूरा किया है। इस सेवा के लिए श्रीलंका के कर्मचारियों को भारत में प्रशिक्षण दिया गया है और उन्हें कुशल बनाया गया है। इससे वहां रोजगार के अवसर बढेंगे।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका के अच्छे-बुरे समय में भारत ने उसका हमेशा साथ दिया है और भविष्य में भी आगे बढकर उसकी मदद करता रहेगा। मोदी ने कहा कि तीन वर्ष पहले उन्होंने श्रीलंका की संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत, श्रीलंका के साथ निकटता को घनिष्ठ संबंधों में बदलने के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
उन्होंने कहा कि 1927 में जब महात्मा गांधी श्रीलंका आए थे तो उन्होंने संदेश दिया था कि श्रीलंका उनके दिलो दिमाग से दूर नहीं रहेगा। मोदी ने कहा कि मेरा भी आज यही संदेश है। हमारे लोगों को निरंतर एक दूसरे के संपर्क में रहना चाहिए जिससे कि हमारी आपसी समझ बेहतर हो तथा हम घनिष्ठ दोस्त बनें। प्रधानमंत्री ने विक्रमसिंघे की अगस्त के शुरू में होने वाली भारत यात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि वह उनसे मिलने को उत्सुक रहेंगे।