Edited By Seema Sharma,Updated: 19 Jul, 2019 01:12 PM
पूर्व राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी ने कहा कि पिछली सरकारों की मजबूत नींव के कारण ही आधुनिक भारत साल 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि आधुनिक भारत की नींव उन संस्थापकों ने रखी थी
नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी ने कहा कि पिछली सरकारों की मजबूत नींव के कारण ही आधुनिक भारत साल 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि आधुनिक भारत की नींव उन संस्थापकों ने रखी थी जिन्होंने योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था को मजबूत किया लेकिन आजकल ऐसा नही है। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि ब्रिटिशों के जरिए नहीं बल्कि आजादी के बाद से भारतीयों के प्रयासों के कारण ही भारत आज कई आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मावलंकर हॉल स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जो लोग 55 साल के कांग्रेस शासन की आलोचना करते हैं, वे यह बात नजरअंदाज कर देते हैं कि आज़ादी के वक्त भारत कहां था, और आज हम कितना आगे आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि हां, अन्य लोगों ने भी योगदान दिया लेकिन आधुनिक भारत की नींव हमारे पूर्व सरकारों ने ही रखी है।
प्रणब मुखर्जी संबोधन के प्रमुख अंश
- हम इस बात से सहमत हैं कि गैर-कांग्रेसी गवर्नरों ने भी देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मंगलयान को संभव बनाया गया है क्योंकि जादू से नहीं बल्कि निरंतर प्रयासों से जमीनी स्तर पर काम किया जाता है।
- भारत को भविष्य में 50 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बना पाने की नींव पिछली सरकारों ने रखी थी, जिनमें जवाहरलाल नेहरू, डॉ मनमोहन सिंह और पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकारें भी शामिल थीं।
- वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा था कि वर्ष 2024 तक भारत की अर्थव्यवस्था 50 खरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी लेकिन यह दर्जा आसमान से उतरकर नहीं आएगा, इसके लिए मज़बूत नींव पहले से ही रखी जा चुकी है।
- भारत ने तेज़ी से तरक्की की क्योंकि जवाहरलाल नेहरू तथा अन्य ने IIT, ISRO, IIM, बैंकिंग नेटवर्क आदि की स्थापना की, इसे डॉ मनमोहन सिंह और नरसिम्हा राव द्वारा अर्थव्यवस्था का उदारीकरण करने से भी मदद मिली।
बता दें कि सदन में बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा था कि भारत को आने वाले सालों में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाएंगे।