Edited By Seema Sharma,Updated: 27 Nov, 2018 11:28 AM
भारत 29 नवंबर को श्रीहरिकोटा से अपने पीएसएलवी-सी43 राकेट का प्रक्षेपण करेगा। यह राकेट पृथ्वी का निरीक्षण करने वाले भारतीय उपग्रह एचवाईएसआईएस और 30 अन्य सैटेलाइट्स को अपने साथ अंतरिक्ष ले जाएगा...
बेंगलुरुः भारत 29 नवंबर को श्रीहरिकोटा से अपने पीएसएलवी-सी43 राकेट का प्रक्षेपण करेगा। यह राकेट पृथ्वी का निरीक्षण करने वाले भारतीय उपग्रह एचवाईएसआईएस और 30 अन्य सैटेलाइट्स को अपने साथ अंतरिक्ष में ले जाएगा, जिनमें 23 अमेरिका के होंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुंसान संगठन (इसरो) ने कहा कि पीएसएलवी की 45वीं उड़ान श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम प्रक्षेपण स्थल से भरी जाएगी। इसरो ने कहा कि एचवाईएसआईएस पृथ्वी के निरीक्षण के लिए इसरो द्वारा विकसित किया गया है। यह पीएसएलवी-सी43 का प्राथमिक उपग्रह है।
इसरो ने कहा कि उपग्रह 636 किमी घ्रुवीय सूर्य समन्वय कक्ष (एसएसओ) में 97.957 डिग्री के झुकाव के साथ स्थापित किया जाएगा। उपग्रह की अभियानगत आयु पांच साल है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि एचवाईएसआईएस का प्राथमिक लक्ष्य इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वर्ण पट (स्पेक्ट्रम) के समीप इन्फ्रारेड और शार्टवेव इन्फ्रारेड क्षेत्रों में पृथ्वी की सतह का अध्ययन करना है। एजेंसी ने कहा कि एचवाईएसआईएस में एक माइक्रो और 29 नैनो सैटेलाइट होंगे। ये उपग्रह आठ विभिन्न देशों के हैं। इन सभी उपग्रहों को पीएसएलवी-सी43 की 504 किमी वाली कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
जिन देशों के उपग्रह भेजे जाएंगे, उनमें अमेरिका (23 सेटेलाइट), ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड एवं स्पेन (प्रत्येक का एक उपग्रह) शामिल हैं। एजेंसी ने कहा कि इन उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए इसरो के वाणिज्यिक अंग एंट्ररिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ वाणिज्यक करार किया गया है। पीएसएलवी इसरो का तीसरी पीढ़ी का प्रक्षेपण यान है।