वित्त मंत्रालय का बड़ा बयान, भारत जल्द बनेगा 5,000 अरब डॉलर की इकॉनोमी

Edited By Yaspal,Updated: 14 Apr, 2022 05:23 PM

india will soon become a  5 000 billion economy

वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष के बजट में पूंजी व्यय पर जोर से विनिर्माण को गति मिलेगी और कर राजस्व संग्रह बढ़ेगा। इससे भारत 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर रहेगा। मंत्रालय के अनुसार, बीते वित्त वर्ष 2021-22...

नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष के बजट में पूंजी व्यय पर जोर से विनिर्माण को गति मिलेगी और कर राजस्व संग्रह बढ़ेगा। इससे भारत 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर रहेगा। मंत्रालय के अनुसार, बीते वित्त वर्ष 2021-22 में कर राजस्व रिकॉर्ड 34 प्रतिशत बढ़कर 27.07 लाख करोड़ रुपये रहा। यह कोविड-19 की तीन लहरों के बाद अर्थव्यवस्था में तीव्र पुनरुद्धार को दर्शाता है।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘केंद्र सरकार का भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने पर जोर है और इस दिशा में कई कदम उठाये गये हैं। यह हाल के वर्षों में देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि में दिखता है।'' ‘‘इन उपायों से सरकारी खजाने के लिये राजस्व संग्रह बढ़ा है। साथ ही भारत इससे 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के रास्ते पर है।'' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था और वैश्विक आर्थिक ताकत बनाने की परिकल्पना की थी। देश का जीडीपी 2021-22 में लगभग 3,000 अरब डॉलर होने का अनुमान है।

मंत्रालय ने कहा कि कोविड ​​​​-19 के कारण जरूर कुछ समय के लिये अर्थव्यवस्था को झटका लगा। लेकिन सरकार ने हाल के वर्षों में बाजार मूल्य पर जीडीपी वृद्धि दर को 10 प्रतिशत से ऊपर कायम रखा है। जीएसटी (माल एवं सेवा कर) देश के जीडीपी को आगे बढ़ाने को लेकर एक बड़ा कदम रहा है।

बयान के अनुसार, ‘‘वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में पूंजी व्यय पर जोर के साथ आने वाले वर्षों में घरेलू विनिर्माण में तेजी आएगी और रोजगार बढ़ेगा। इससे कर संग्रह और बढ़ेगा।'' कुल कंपनी कर संग्रह 2021-22 में 8.6 लाख करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 6.5 लाख करोड़ रुपये था। मंत्रालय के अनुसार, यह दिखाता है कि बिना छूट के साथ कम दर वाली नई सरलीकृत कर व्यवस्था सफल रही है। कंपनियों के लिये कारोबार सुगमता बढ़ी है और कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था को गति मिल रही है तथा सरकार के लिये कर राजस्व बढ़ रहा है।''

पिछले वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह रिकॉर्ड 49 प्रतिशत बढ़कर 14.10 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि अप्रत्यक्ष कर संग्रह 20 प्रतिशत बढ़कर 12.90 लाख करोड़ रुपये रहा। यह अर्थव्यवस्था में तेजी और कर चोरी पर लगाम लगाने को लेकर उठाये गये कदमों का परिणाम है। महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को निवेश के जरिये गति देने के मकसद से चालू वित्त वर्ष के लिये बजट में पूंजीगत व्यय 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा गया है। पिछले साल 2021-22 में पूंजीगत व्यय 5.5 लाख करोड़ रुपये था।

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