Edited By Anil dev,Updated: 04 Mar, 2019 03:30 PM
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने तमिलनाडुक के सुलुर स्थित वायु सेना के हकीमपेट स्टेशन और पांच ‘बेस रिपेयर डीपों’ को सोमवार को राष्ट्रपति ध्वज (प्रेसिडेंशियल कलर्स) प्रदान किया। कोविंद ने वायु सेना के बहादुर जांबाजों के हैरतअंगेज कारनामे गवाह बने, जिसमें...
कोयंबटूरः राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने तमिलनाडुक के सुलुर स्थित वायु सेना के हकीमपेट स्टेशन और पांच ‘बेस रिपेयर डीपों’ को सोमवार को राष्ट्रपति ध्वज (प्रेसिडेंशियल कलर्स) प्रदान किया। कोविंद ने वायु सेना के बहादुर जांबाजों के हैरतअंगेज कारनामे गवाह बने, जिसमें आकाश गंगा दल के सैनिकों ने 10 हजार फुट की ऊंचाई से पैराशूट से पूर्व निर्धारित स्थल पर उतर कर सबका मनमोह लिया। इसके अलावा वायु सेना के विमानों, लड़ाकू विमान, परिवहन विमानों तथा हेलीकॉप्टरों ने आकाश में करतब दिखाकर लोगों को रोमांचित कर दिया।
भारतीय वायुसेना के पैराशूटर जंपरों ने राष्ट्र ध्वज तिरंगा की आकृति में प्रस्तुति देकर दर्शकों के दिलों में देश भक्ति का जोश भर दिया। सारंग हेलीकॉप्टर एरोबेटिक टीम, तेजस और ‘एयर वॉरियर ड्रिल’ ने भी इस अवसर पर प्रस्तुति दी। सुलुर वायु सेना स्टेशन भारतीय वायुसेना का एकमात्र हवाई अड्डा है जहां से लड़ाकू, परिवहन और हेलीकॉप्टर विमानों को समायोजित और संचालित किया जाता है।
वर्ष 1942 में रॉयल नेवी द्वारा निर्मित सुलुर एयर बेस को पहली बार 1942-43 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान चालू किया गया था और इसे उस दौरान दक्षिण-पूर्व एशिया कमान के तहत रखा गया था। वर्ष 1956 में इसे वायु सेना के अधीन कर दिया गया। इस डीपों से अब तक 233 एवरोज तथा 77 डोर्नियर हवाई जहाजों की सेवाएं ली है और इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है।