नजरिया: ऑस्ट्रेलिया के आकाश में भारतीय वायुसेना की धमक

Edited By vasudha,Updated: 04 Aug, 2018 07:16 PM

देश में सड़क से लेकर संसद तक राफेल  विमान सौदे पर  वबाल मचा हुआ है। लेकिन इसी बीच भारतीय वायुसेना अपने अत्याधुनिक लड़ाकू विमान सुखोई mki -30  के साथ दुश्मन का दिल वाला रणकौशल दिखा रही है...

नेशनल डेस्क (संजीव शर्मा): देश में सड़क से लेकर संसद तक राफेल  विमान सौदे पर  वबाल मचा हुआ है। लेकिन इसी बीच भारतीय वायुसेना अपने अत्याधुनिक लड़ाकू विमान सुखोई mki -30  के साथ दुश्मन का दिल वाला रणकौशल दिखा रही है। वायुसेना अपनी इस मारक क्षमता का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया में चल रहे पिच ब्लैक युद्धाभ्यास में कर रही है जिससे हर कोई प्रभावित है। पिच ब्लैक अभ्यास ऑस्ट्रेलिया की रॉयल एयरफोर्स द्वारा हर दो साल में एक बार कराया जाता है। भारत पिच ब्लैक अभ्यास में पहली बार हिस्सा ले रहा है लेकिन पहली ही बार जिस तरह से भारतीय वायुसेना के इस नए 'पंछी ' ने  अपनी उड़ान  और ताकत  का प्रदर्शन किया है उसे देखकर विशेषज्ञ भी हैरान हैं। जाहिर है यह अकेले विमान का ही कमाल नहीं है बल्कि इसके पीछे भारतीय वायुसैनिकों का अद्भुत रणकौशल है जो किसी को भी प्रभावित करता है।
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भारतीय दल में 145 सैनिक अधिकारी शामिल
युद्धाभ्यास में भाग लेने रही भारतीय सैन्य टुकड़ी में 145 सैनिक अधिकारी शामिल हैं। इनमे वायुसेना के अत्यंत दक्ष  गरुड़ कंमाडो टीम भी शामिल है। इस अभ्यास में भाग ले रहे वायुसेना के चार सुखोई mki -30 विमानों के अलावा एक सी-130 हरक्यूलस और एक सी-17 ग्लोब मास्टर विमान भी शामिल है।  अभ्यास में भाग ले रही भारतीय टीम की अगुवाई ग्रुप कैप्टन सी.यू.वी राव कर रहे हैं। आसमानी युद्ध का अभ्यास एक नियंत्रित माहौल में आयोजित होगा और इस दौरान विभिन्न वायु सेनाएं एक दूसरे की प्रक्रियाओं से सीखेंगी और इसे साझा करेंगी। इस अभ्यास से भारतीय वायुसेना की समाघात रणनीति को और अधिक धारदार बनाने का मौका मिलेगा।

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कौन कौन देश शामिल 
भारत के अतिरिक्त  पिच ब्लैक अभ्यास में कनाडा, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, थाईलैंड की वायुसेना शिरकत कर रही है। अभ्यास 24 जुलाई को शुरू हुआ था जो 18 अगस्त तक चलेगा।  

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क्या है ख़ास 
अभ्यास की खास बात यह है कि सुखोई mki -30 कलाईकुंडा वायुसैनिक बेस से उड़ान भर कर सीधे आस्ट्रेलिया पहुंचे और इस दौरान उन्हें हवा में ही ईधन की सप्लाई वायुसेना के टैंकर विमान आईएल-78 द्वारा की गयी। इसी तरह आस्ट्रेलिया के डारविन वायुसैनिक बेस से इंडोनेशिया के सुबांग वायुसैनिक अड्डे के लिये जब वापसी की उड़ान भरेंगे तब आस्ट्रेलियाई वायुसेना के केसी-30ए टैंकर विमान सुखोई mki -30 में ईधन भरेंगे। सुखोई जैसा अत्याधुनिक विमान इस अभ्यास में पहलीबार शामिल किया गया है जिसपर सबकी नज़रें हैं।    

भारत के पास इस समय 249 सुखोई विमान हैं। एक विमान की कीमत 358 करोड़ है। 2200 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से उड़ने वाला सुखोई राफेल से ज्यादा सुपीरियर लड़ाका है और यह हमारी वायुसेना के  सूत्र वाक्य..नभ स्पर्शं दीप्तं .यानी टच द  स्काई विद ग्लोरी को  पूरी तरह चरितार्थ करता है।    

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