Edited By Anil dev,Updated: 26 Apr, 2019 10:45 AM
भारतीय वायुसेना की एक रिपोर्ट के अनुसार अगर बल के पास उच्च तकनीकी क्षमता होती तो 27 फरवरी को पाकिस्तान के नाकाम हवाई हमले के दौरान वह उसे भारी नुक्सान पहुंचाता। इस रिपोर्ट में 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण...
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना की एक रिपोर्ट के अनुसार अगर बल के पास उच्च तकनीकी क्षमता होती तो 27 फरवरी को पाकिस्तान के नाकाम हवाई हमले के दौरान वह उसे भारी नुक्सान पहुंचाता। इस रिपोर्ट में 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर वायुसेना का हवाई हमला और अगले दिन पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया गया है।
बालाकोट हमलों के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि मिराज 2000 जैट विमानों से दागे गए इसराईली स्पाइस 2000 (पी.जी.एम.) ने 6 लक्ष्यों में से 5 को भेदा था। भारत ने पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए हवाई हमले किए थे। पुलवामा हमले में सी.आर.पी.एफ. के 40 जवान शहीद हो गए थे। आधिकारिक सूत्रों ने रिपोर्ट का विवरण सांझा करते हुए कहा कि वायुसेना ने रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तानी वायुसेना 1999 में कारगिल युद्ध के बाद से ही लगातार अपनी क्षमताओं का विस्तार कर रही है और भारत के लिए जरूरी है कि वह हवाई युद्ध के लिए अपनी तकनीकी क्षमता को मजबूत करे।
एक अधिकारी ने कहा कि अभी एफ-16 जैट विमानों के अपने बेड़े को लेकर पाकिस्तान को बढ़त प्राप्त है। उन विमानों में ए.एम.आर.ए.ए.एम. मिसाइल लगी हुई हैं। सूत्रों ने कहा कि हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल (बी.वी.आर.ए.ए.एम.) और एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली से लैस राफेल विमानों के शामिल होने से भारत को पाकिस्तानी वायुसेना पर महत्वपूर्ण बढ़त मिल जाएगी।