S-400 प्रशिक्षण के रूस जाएगा भारतीय सेना का दल, भारत को जल्द मिलेगी मिसाइल

Edited By Yaspal,Updated: 19 Jan, 2021 06:16 PM

indian army team to go to russia for s 400 training india will soon get missile

भारतीय सैनिकों का एक दल एस-400 वायु रक्षा प्रणाली के परिचालन का प्रशिक्षण प्राप्त करने अगले कुछ दिन में रूस के लिए रवाना होगा, क्योंकि इस मिसाइल प्रणाली के पहले बैच की आपूर्ति इस साल के उत्तरार्ध में मॉस्को द्वारा किए जाने की उम्मीद है। अधिकारियों...

नई दिल्लीः भारतीय सैनिकों का एक दल एस-400 वायु रक्षा प्रणाली के परिचालन का प्रशिक्षण प्राप्त करने अगले कुछ दिन में रूस के लिए रवाना होगा, क्योंकि इस मिसाइल प्रणाली के पहले बैच की आपूर्ति इस साल के उत्तरार्ध में मॉस्को द्वारा किए जाने की उम्मीद है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। भारत में रूस के राजदूत निकोले आर कुदाशेव ने मंगलवार को रूसी दूतावास में आयोजित कार्यक्रम में एक समूह से संवाद करते हुए कहा कि एस-400 दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को मजबूती प्रदान करने वाली महत्वकांक्षी परियोजना है। उन्होंने कहा कि भारत-रूस सैन्य एवं सैन्य प्रौद्योगिकी संबंध ‘ निरंतर बढ़ने वाले असाधारण पारस्परिक हितों', सामंजस्य,निरंतरता और पूरकता पर आधारित हैं।

उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2018 में भारत ने रूस के साथ पांच अरब डॉलर में एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाई खरीदने का करार किया था। भारत ने यह करार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगाने की धमकी के बावजूद किया था। भारत ने इस मिसाइल प्रणाली को खरीदने के लिए वर्ष 2019 में 80 करोड़ डॉलर की पहली किस्त का भुगतान किया था। एस-400 रूस की सबसे आधुनिक लंबी दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली है। हाल में अमेरिका ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के खिलाफ तुर्की पर प्रतिबंध लगाए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि करीब 100 भारतीय सैनिक इस महीने एस-400 के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए रूस रवाना होंगे। रूसी दूतावास द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक कुदाशेव ने कहा कि सैन्य सहयोग दोनों देशों के विशेष एवं गौरवान्वित करने वाले रणनीतिक संबंधों का मुख्य आधार हैं और भारत और रूस की दोस्ती क्षेत्र एवं दुनिया में स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह हमारे आपसी विश्वास पर आधारित है और यह भावना हमारी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय प्रतिबद्धताओं में झलकती है और हमारे विचार अंतरराष्ट्रीय कानून एवं संयुक्त चार्टर के तहत समानता पर आधारित है।''

राजदूत ने कहा, ‘‘ दो ध्रुवीय दुनिया से बाहर निकलने और सफलतापूर्वक मौजूदा बहुकेंद्रीय क्रम में कार्य के दौरान हमारी साझेदारी और मजबूत हुई है। '' रूस द्वारा इस साल के उत्तरार्ध में एस-400 की आपूर्ति शुरू करने की उम्मीद है। कुदाशेव ने कहा कि एस-400 योजना के साथ-साथ दोनों पक्ष एके-203 कलाशनिकोव करार, केए-226 हेलीकॉप्टर कार्यक्रम को भी सफलतापूर्वक लागू करने पर आगे बढ़ रहे हैं , इसके साथ ही सुखोई-30 एमकेआई सहित लड़ाकू विमान के क्षेत्र में सहयोग बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष कई परियोजनाओं जैसे युद्धक टैंक (टी-90),फ्रिगेट, पनडुब्बी और मिसाइल और संयुक्त उत्पादन ‘ यूनिक ब्रहमोस' के मामले में आगे बढ़ रहे हैं।

रूस के राजदूत ने कहा, ‘‘ हम संयुक्त रूप से पुर्जा निर्माण करार को लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं जो ‘मेक इन इंडिया' और ‘आत्मनिर्भर भारत' कार्यक्रम के अनुरूप है। हम आपसी रणनीति सहयोग समझौते, हिंद महासागर सहित समुद्री सहयोग को मजबूत करने पर भी काम कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि फरवरी में बेंगलुरु में होने वाले एयरो-इंडिया प्रदर्शनी में रूस की इच्छा सबसे बड़े प्रदर्शकों में शामिल होने की है। राजदूत ने कहा, ‘‘ हमारी योजना एसयू-57, एसयू-35 और मिग-34 लड़ाकू विमान प्रदर्शित करने की है। इनके अलावा केए-52, केए-226, एमआई-17बी-5,एमआई-26 हेलीकॉप्टर, एस-400 प्रणाली और अन्य उपकरणों भी प्रदर्शित करने की योजना है।''

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