Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jul, 2018 06:40 PM
केंद्र सरकार ने नई असॉल्ट राइफलों की खरीद के लिए आर्मी ब्रिगेडियर की अगुआई में 9 सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति को अमरीका, आस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, इजरायल ओर यूएई के लिए रवाना कर दिया गया है। समिति सशस्त्र बलों के लिए नई असॉल्ट राइफलों ...
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने नई असॉल्ट राइफलों की खरीद के लिए आर्मी ब्रिगेडियर की अगुआई में 9 सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति को अमरीका, आस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, इजरायल ओर यूएई के लिए रवाना कर दिया गया है। समिति सशस्त्र बलों के लिए नई असॉल्ट राइफलों और क्लोज- क्वॉर्टी बैटल कार्बाइनों के खरीद की संभावनांए तलाशेगी।
रक्षा मंत्रालय ने मार्च 2018 में 72,400 असॉल्ट राइफलों, 93,895 CBQ कार्बाइनों की खरीद प्रक्रिया शुरू की थी। इन राइफलों और कार्बाइनों को चीन और पाकिस्तान सीमा पर तैनात इनफैन्ट्री जवानों उपलब्ध कराया जाना है और इसके लिए फास्ट-ट्रैक प्रसिजर (FTP) शुरू किया गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि समिति शनिवार को रवाना हुई और यह यह विभिन्न देशों में OEMs (ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स यानी मूल उपकरण निर्माता) या वेंडर्स की राइफलों व कार्बाइनों का मूल्यांकन करेगी। FTP सिलेक्शन ऑपरेशनल जरूरतों पर आधारित होगा न कि लंबी चलने वाली नॉर्मल प्रोक्यूरमेंट प्रॉसेस जैसे GSQRS (जनरल स्टाफ क्वॉलिटेटिव रिक्वॉयरमेंट्स), फील्ड ट्रायल, स्टाफ इवैल्यूएशन आदि पर आधारित होगा।'
समिति जिन हथियारों को उचित पाएगी उन्हें 'कंपैटिबिलिटी टेस्ट' के लिए OEMs से भारत लाया जाएगा यानी उन्हें भारत लाकर ट्रायल किया जाएगा। जो हथियार ट्रायल में कंपैटिबल पाए जाएंगे उनके लिए रक्षा मंत्रालय निविदा निकालेगी। राइफलों और कार्बाइनों की खरीद पर क्रमशः 1,798 करोड़ और 1,749 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने इस साल फरवरी में 16,479 लाइट मशीन गनों की 1,819 करोड़ रुपए में खरीद की फास्ट ट्रैक प्रसिजर को भी मंजूरी दी थी, हालांकि इसमें अभी कुछ देरी है।