Edited By shukdev,Updated: 16 Dec, 2018 12:47 PM
बहुचर्चित घटनाक्रम के दौरान पाकिस्तान से तीन साल पहले स्वदेश लौटी मूक-बधिर युवती गीता के माता-पिता का अब तक पता नहीं चल सका है। हालांकि, उसके परिवार की खोज के लिए भारत सरकार के प्रयास वर्ष 2018 में भी जारी रहे। गीता, मध्यप्रदेश सरकार के सामाजिक...
इंदौर: बहुचर्चित घटनाक्रम के दौरान पाकिस्तान से तीन साल पहले स्वदेश लौटी मूक-बधिर युवती गीता के माता-पिता का अब तक पता नहीं चल सका है। हालांकि, उसके परिवार की खोज के लिए भारत सरकार के प्रयास वर्ष 2018 में भी जारी रहे। गीता, मध्यप्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और नि:शक्त कल्याण विभाग की देख-रेख में इंदौर की एक गैर सरकारी संस्था के आवासीय परिसर में रह रही है। इस विभाग के संयुक्त निदेशक बीसी जैन ने से पुष्टि की कि मूक-बधिर युवती के माता-पिता की खोज के लिए सरकार की कोशिशें अब भी जारी हैं।
गीता सात-आठ साल की उम्र में पाकिस्तानी रेंजर्स को समझौता एक्सप्रेस में लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिली थी। गलती से सरहद पार पहुंचने वाली यह लड़की भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों के कारण गीता 26 अक्तूबर 2015 को स्वदेश लौटी। स्वराज ने 20 नवंबर को गीता को हिंदुस्तान की बेटी बताते हुए स्पष्ट किया कि देश में उसके परिवारवाले मिलें या न मिलें, वह दोबारा पाकिस्तान कभी नहीं भेजी जाएगी। उसकी देखभाल भारत सरकार ही करेगी।