Edited By Seema Sharma,Updated: 29 Oct, 2019 04:27 PM
इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेकनोलॉजी (हैदराबाद) के शोधकर्ताओं की भारतीयों के दिमाग को लेकर बड़ी दिलचस्प रिसर्च रिपोर्ट सामने आई है। रिसर्च के मुताबिक भारतीयों का दिमाग वेस्टर्न या ईस्टर्न देशों के लोगों के मुकाबले छोटा है। दिमाग के डिजाइन...
हैदराबाद: इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेकनोलॉजी (हैदराबाद) के शोधकर्ताओं की भारतीयों के दिमाग को लेकर बड़ी दिलचस्प रिसर्च रिपोर्ट सामने आई है। रिसर्च के मुताबिक भारतीयों का दिमाग वेस्टर्न या ईस्टर्न देशों के लोगों के मुकाबले छोटा है। दिमाग के डिजाइन को लेकर हुआ यह शोध न्यूरोलॉजी इंडिया में प्रकाशित हुआ है। हैदराबाद आईआईआईटी ने इस तरह का पहला डिजाइन तैयार किया है। भारतीयों का दिमाग लंबाई, चौड़ाई और घनत्व तीनों ही पूर्व और पश्चिम देशों के लोगों की तुलना में कुछ छोटा होता है। रिसर्च के दौरान हैदराबाद आईआईआईटी द्वारा पहली बार इंडियन ब्रेन एटलस तैयार किया गया।
यह रिसर्च अल्जाइमर और ब्रेन से जुड़ी अन्य बीमारियों को ध्यान में रखकर की गई। उम्मीद जताई जा रही है कि इस स्टडी के बाद ब्रेन से जुड़ी परेशानियों को समझने में काफी मदद मिलेगी। इस प्रॉजेक्ट पर काम करने वाली सेंटर फॉर विजुअल इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी के जयंती सिवास्वामी के मुताबिक दिमाग से जुड़ी बीमारियों को मॉनिटर करने के लिए मॉन्ट्रियल न्यूरॉलजिकल इंस्टीट्यूट (MNI) टेम्पलेट का उपयोग मानक के रूप में उपयोग किया जाता है।
जयंती के मुताबिक भारतीय लोगों के ब्रेन का साइज MNI की तुलना में साइज में छोटा है, यह कई अलग-अलग स्कैन में सामने आया है। ऐसे में MNI के जरिए भारतीय ब्रेन की जांच करना मिसडाइग्नॉज की वजह बन सकता है। उन्होंने कहा कि हमने MRI इमेज को प्रीलोडेड MNI इमेज टेम्पलेट से कंपेयर किया तो यह बात सामने आई। जयंती ने कहा कि ब्रेन साइज को लेकर अब जक जितने भी टेम्पलेट डिवेलप किए गए उनमें चीनी और कोरियाई ब्रेन टेम्पलेट्स भी शामिल हैं लेकिन भारत-विशिष्ट आबादी के लिए इनमें से किसी भी टेम्पलेट को फिट नहीं माना जा सकता।