भारत का 'लादेन' दो सालों से सऊदी अरब में रच रहा था आतंकी योजना की साजिश

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 11:42 AM

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इंडियन मुजाहिद्दीन का संस्थापक और सिमी का प्रमुख रह चुका अब्दुल सुब्हान कुरैशी उर्फ तौकीर पिछले दो सालों से सऊदी अरब में रह कर इकबाल भटकल और रियाज भटकल के साथ मिलकर आतंकी साजिश की तैयारी कर रहा था। तीनों दोबारा भारत में आईएम और सिमी को पूर्नजीवित कर...

नई दिल्ली(कृष्ण कुणाल सिंह):इंडियन मुजाहिद्दीन का संस्थापक और सिमी का प्रमुख रह चुका अब्दुल सुब्हान कुरैशी उर्फ तौकीर पिछले दो सालों से सऊदी अरब में रह कर इकबाल भटकल और रियाज भटकल के साथ मिलकर आतंकी साजिश की तैयारी कर रहा था। तीनों दोबारा भारत में आईएम और सिमी को पूर्नजीवित कर आंतक का साया फैलाना चाहते थे। 

पहचान छिपा कर नेपाल में छिपा था कुरैशी
स्पेशल सेल के आलाधिकारी के मुताबिक अभी तक पूछताछ में पता चला है कि इकबाल भटकल और रियाज भटकल पाकिस्तान से सऊदी अरब आते थे,जबकि कुरैशी नेपाल के रास्ते वहां पर जाता था। कुरैशी पिछले दस सालों से अपनी पहचान छिपा नेपाल में छुपा था और फर्जी कागजात की मदद से वहां की नागरिकता हासिल कर चुका था। उसी पासपोर्ट से वह सऊदी अरब जाता था। वर्ष 2015 से लेकर 2017 तक तीनों वहीं मिलते थे। जहां पर सारी योजना की रूपरेखा तैयारी की गई थी। पूरी तरह से तैयारी के बाद दोबारा कुरैशी भारत आया। फिर इंडियन मुजाहिद्दीन और सिमी के कैंप बनाने की तैयारी में जुट गया था। इसके लिए बकायदा,यूपी, मध्यप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र,केरल और असम में कैंप लगाने की तैयारी भी चल रही थी।

कैंप व ट्रेनिंग के लिए फंड जुटाने की कर रहा था तैयारी
अभी तक पूछताछ में पता चला कि कुरैशी भटकल भाइयों के कहने पर इंडियन मुजाहिद्दीन का कैंप और उनमें युवाओं को भर्ती कर ट्रेङ्क्षनग देने के लिए भारत के विभिन्न शहरों में घूमकर भर्ती के साथ साथ फंड भी एकत्र कर रहा था। सूत्रों ने दावा किया कि  कुरैशी  जिहाद के नाम पर भर्ती किए जाने वाले युवाआें को ट्रेनिंग पश्चात देश के विभिन्न हिस्सों में धमाका करवाता और अपने योजना को अंजाम देने के लिए उसने भारत में मौजूद स्लीपर सेल को विदेश से हवाला के जरिए रुपए भी भिजवाएं थे। दिल्ली पुलिस के अधिकारी के मुताबिक इंडियन मुजाहिद्दीन तथा सिमी के पुराने संपर्कों की मदद से दोनों संस्थाआें को सक्रिय करने के लिए भटकल भाइयों ने तौकीर को कुछ धन भी हवाला के जरिए उपलब्ध कराए थे जबकि कुरैशी ने यह रकम उत्तर प्रदेश व दिल्ली में सिमी व आईएम से जुड़े स्लीपर सेल पुर्नजीवित करने के लिए दिए थे। पुलिस ने दावा किया कि कुरैशी पश्चिमी यूपी के कुछ स्लीपर सेल से मदद हासिल किए जाने के बाद दिल्ली के एक स्लीपर सेल से मिलने के लिए आया था।

खूब धार्मिक व्याख्यान देता था कुरैशी
कुरैशी सिमी की इस्लामिक मूवमेंट मैग्जीन में संपादकीय कार्य भी किया था। इसके बाद में उसे इस पत्रिका का संपादक बना दिया गया। हालांकि सिमी पर प्रतिबंध लगने के बाद वह कर्नाटक चला गया था, जहां वह भटकल इलाके में रियाज व इकबाल से मुलाकात हुई थी। सिमी प्रमुख सफदर नागौरी के साथ मिलकर उसने कई धार्मिक व्याख्यान दिए और कई आतंकी शिविरों का संचालन किया। जहां पर वह युवाओं को पेट्रोल बम बनाने व हथियार बनाने आदि की ट्रेनिंग भी दी गई। इंदौर में सफदर नागौरी की गिरफ्तारी के बाद सिमी की कमान भी कुरैशी को सौंप दी गई।

चोरी की कार से आया था दिल्ली
अभी तक जांच में पता चला कि कुरैशी चोरी की कार से दिल्ली में अपने साथी से मिलने के लिए गाजीपुर आया था। यह कार नोएडा से करीब तीन साल पहले चोरी हुई थी। सफेद रंग की कार कई हाथों में बिकते हुए कुरैशी के पास आ गई। चोरी की यह कार कुरैशी ने एक जानकार के माध्यम से खरीदा था।

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