Indian Navy Day: भारत के 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' से कांप उठा था पाक

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Dec, 2017 02:57 PM

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आज ही के दिन यानि 4 दिसंबर, 1971 को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी। भारतीय नौसेना की ताकत देख पाकिस्तान के पैरों तले से जमीन खिसक गई थी। 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ छिड़ी जंग को ऑपरेशन ट्राइडेंट कहा गया था। उसी की याद में हर साल 4...

नई दिल्लीः आज ही के दिन यानि 4 दिसंबर, 1971 को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी। भारतीय नौसेना की ताकत देख पाकिस्तान के पैरों तले से जमीन खिसक गई थी। 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ छिड़ी जंग को ऑपरेशन ट्राइडेंट कहा गया था। उसी की याद में हर साल 4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है।

क्या है 'ऑपरेशन ट्राइडेंट'
बांग्‍लादेश में आजादी की जंग छिड़ी हुई थी और इसमें भारत  भी शामिल था, पाकिस्तान इस बात से बौखला गया। पाकिस्तान ने भारत को खदेड़ने के लिए प्लान बनाया जिसके तहत सबमरीन गाजी को दो मोर्चों पर फतह हासिल करने का दायित्‍व सौंपा। पहला मोर्चा था विशाखापट्टनम पर हमला कर उस पर कब्‍जा करना और दूसरा था-आईएनएस विक्रांत को नष्‍ट करना। भारत पाकिस्तान की चाल की भनक लग गई इसके बाद नौसेना की पूर्वी कमान को जवाबी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया। उस समय भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ चलाया।
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एडमिरल नंदा ने बनाया था प्लान
ऑपरेशन ट्राइडेंट का प्लान नौसेना प्रमुख एडमिरल एस.एम. नंदा के नेतृत्व में बनाया गया था। इस टास्क की जिम्मेदारी 25वीं स्क्वॉर्डन कमांडर बबरू भान यादव को दी गई थी। ऑपरेशन ट्राइडेंट का मतलब ‘त्रिशूल’ होता है। 4 दिसंबर, 1971 को नौसेना ने कराची स्थित पाकिस्तान नौसेना हेडक्वार्टर पर पहला हमला किया। एम्‍यूनिशन सप्‍लाई शिप समेत कई जहाज नेस्‍तनाबूद कर दिए गए। इस दौरान पाक के ऑयल टैंकर भी तबाह हो गए। भारतीय नौसैनिक बेड़े को कराची से 250 किमी की दूरी पर रोका गया। वही आदेश दिया गया कि शाम होने तक 150 किमी और पास जाना और हमला करके सुबह होने से पहले बेड़े को 150 किमी वापस आना है। ताकि जब पाकिस्तान पर हमला हो तब बेड़ा उस हमले से दूर हो। हमला भी रूस की ओसा मिसाइल बोट से किया किया। इस हमले में निपट, निर्घट और वीर मिसाइल बोट्स भी शामिल थीं। सभी बोट्स चार-चार मिसाइलों से लैस थीं। बबरू भान यादव खुद निपट बोट पर मौजूद थे। पहले पी.एन.एस. खैबर, उसके बाद पीएनएस चैलेंजर और पीएनएस मुहाफिज को मिसाइल से बर्बाद कर पानी में डुबो दिया।

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7 दिन तक जलता रहा था कराची तेल डिपो
कराची तेल डिपो भारत के इस हमले को बर्दाश्त नहीं कर सका। डिपो में लगी आग की लपटों को 60 किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता था। ऑपरेशन खत्म होते ही भारतीय नौसैनिक अधिकारी विजय जेरथ ने संदेश भेजा, 'फॉर पीजन्स हैप्पी इन द नेस्ट. रीज्वाइनिंग।' इस पर उनको जवाब मिला, 'एफ 15 से विनाश के लिए; इससे अच्छी दिवाली हमने आज तक नहीं देखी।' कराची के तेल डिपो में लगी आग को सात दिनों और सात रातों तक नहीं बुझाया जा सका।

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उल्लेखनीय है कि भारतीय नौसेना की शुरुआत 5 सितंबर 1612 को हुई थी, ईस्ट इंडिया कंपनी के युद्धपोतों का पहला बेड़ा सूरत बंदरगाह पहुंचा और 1934 में रॉयल इंडियन नेवी की स्थापना हुई थी।

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