Edited By Pardeep,Updated: 04 Apr, 2019 09:41 PM
एक बड़े कदम के तहत रक्षा मंत्रालय ने करीब 45000 करोड़ रूपए की लागत से महत्वाकांक्षी ‘रणनीतिक साझेदारी’ मॉडल के तहत छह उन्नत पनडुब्बियां हासिल करने की प्रक्रिया शुरू की है। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इन पनडुब्बियों का निर्माण पी-75...
नई दिल्लीः एक बड़े कदम के तहत रक्षा मंत्रालय ने करीब 45000 करोड़ रूपए की लागत से महत्वाकांक्षी ‘रणनीतिक साझेदारी’ मॉडल के तहत छह उन्नत पनडुब्बियां हासिल करने की प्रक्रिया शुरू की है।
आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इन पनडुब्बियों का निर्माण पी-75 (।) कार्यक्रम के तहत भारत में बड़ी घरेलू रक्षा कंपनी और विदेशी पनडुब्बी विनिर्माता कंपनी द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। पनडुब्बियों पर जहाज रोधी क्रूज मिसाइलें एवं अन्य घातक हथियार लगाये जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि उन्नत पनडुब्बियों के जाने माने विनिर्माताओं के लिए चार हफ्ते में रूचि पत्र जारी किए जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने 45000 करोड़ रूपए की इस परियोजना के लिए देशी और विदेशी रक्षा कंपनियों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि इस विशाल परियोजना के क्रियान्वयन के लिए जनवरी में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने घरेलू साझेदार की पहचान की प्रक्रिया के तहत अडाणी डिफेंस, लार्सन एंड टर्बो और सरकारी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड समेत चुनी गयी बड़ी भारतीय रक्षा कंपनियों के साथ विचार विमर्श पहले ही शुरू कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्रालय इस खरीद के लिए पहले ही रूचि पत्र का मसौदा तैयार कर चुका है और इसे संभावित कंपनियों के साथ साझा किया गया है। यह परियोजना रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत लागू किया जाएगा। इस मॉडल के तहत कुछ चुनिंदा सैन्य हथियारों के निर्माण के लिए विदेशी रक्षा कंपनियों और यहां निजी कंपनियों के बीच साझेदारी होगी।