यह भारतवंशी 60 बार बन चुका कार्यवाहक राष्‍ट्रपति, फिर मिली जिम्मेदारी !

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Sep, 2017 12:02 PM

indian origin civil servant appointed singapore  s acting president

भारतीय मूल के जाने-माने ब्यूरोक्रेट जेवाई पिल्‍लई (83)को सिंगापुर के एक्टिंग प्रेसिडेंट, यानी कार्यवाहक राष्‍ट्रपति के तौर पर नियुक्‍त किया गया है...

सिंगापुरः भारतीय मूल के जाने-माने ब्यूरोक्रेट जेवाई पिल्‍लई (83)को सिंगापुर के एक्टिंग प्रेसिडेंट, यानी कार्यवाहक राष्‍ट्रपति के तौर पर नियुक्‍त किया गया है।    गुरुवार को राष्‍ट्रपति के तौर पर टोनी टैन केंग याम का कार्यकाल पूरा होने पर पिल्‍लई  इनकी जगह लेंगे। 30 मार्च, 1934 को मलेशिया के सेलांगर, क्लांग में जन्मे काउंसिल ऑफ प्रेसिडेंशियल एडवाइजर्स के चेयरमैन पिल्‍लई तब तक राष्‍ट्रपति पद पर बने रहेंगे, जब तक 13 सितंबर को नामांकन वाले दिन या 23 सितंबर को चुनाव वाले दिन के बाद कोई उम्‍मीदवार निर्वाचित नहीं हो जाता।

स्‍ट्रेट्स टाइम्‍स के अनुसार, राष्‍ट्रपति कार्यालय खाली होने पर संसद के सभापति के बाद राष्‍ट्रपति सलाहकार परिषद के अध्‍यक्ष को इसकी जिम्‍मेदारी सौंपी जाती है।बताया जाता है कि 1991 में जब से राष्‍ट्रपति चयन की प्रक्रिया शुरू हुई है, तब से यह पहली बार है जब कार्यालय खाली हुआ है,  हालांकि पिल्‍लई को पहली बार यह जिम्‍मेदारी नहीं सौंपी गई है। राष्‍ट्रपति के विदेश यात्रा पर जाने के दौरान हर बार वही कार्यवाहक राष्‍ट्रपति की जिम्‍मेदारी निभाते आ रहे हैं। इस तरह वह 60 बार इस पद पर काम कर चुके ।

पिछली बार पिल्लई ने मई में यह जिम्मेदारी निभाई थी। तब टोनी टान यूरोप के दौरे पर गए थे। इस पद पर सबसे ज्यादा दिनों तक पिल्लई 2007 में रहे थे, तब तत्कालीन राष्ट्रपति एसआर नाथन अफ्रीका दौरे पर गए थे। उस दौरान पिल्लई ने 16 दिनों तक कार्यवाहक राष्‍ट्रपति की जिम्मेदारी निभाई थी।पिल्‍लई ने  सन् 1956 में यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से बीएससी ऑनर्स, इंपीरियल कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलजी की शिक्षा हासिल की। 

सन् 1961 से 1995 तक वह सिंगापुर सरकार में प्रशासकीय पदों पर कार्यरत रहे. सन् 1972 में वह स्थायी सचिव बनाए गए। इस दौरान वित्त, रक्षा और राष्ट्रीय विकास जैसे मंत्रालयों में प्रमुख पदों पर काम किया। सन् 2012 में जोसेफ युवराज पिल्लई के नाम पर नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में दो प्रोफेसरशिप शुरू किए गए। लाेक सेवा के लिए उन्हें ऑर्डर ऑफ नील उत्तम (फर्स्ट क्लास) और सिंगापुर के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार - नैशनल डे अवार्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है। 
 

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