Edited By shukdev,Updated: 05 Apr, 2020 08:40 PM
उत्तर रेलवे के वर्कशॉप में बने व्यक्तिगत सुरक्षा पोशाक (पीपीई) के दो नमूनों को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपनी हरी झंडी दे दी है, जिससे रेलवे इकाइयों में इनके उत्पादन का मार्ग प्रशस्त हो गया है। दरअसल, ये पोशाक रक्त या शरीर से...
नई दिल्ली: उत्तर रेलवे के वर्कशॉप में बने व्यक्तिगत सुरक्षा पोशाक (पीपीई) के दो नमूनों को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपनी हरी झंडी दे दी है, जिससे रेलवे इकाइयों में इनके उत्पादन का मार्ग प्रशस्त हो गया है। दरअसल, ये पोशाक रक्त या शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ को रोक पाने में कारगर साबित हुए हैं।
उत्तर रेलवे ने रविवार को कहा,‘रक्त या शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ को रोकने के लिए जैव-सुरक्षात्मक कवरिंग पदार्थ (कपड़े) की प्रतिरोधक क्षमता का पता लगाने के उद्देश्य से यह जांच की गई। अब इन पीपीई का विनिर्माण भारतीय रेल द्वारा किया जाएगा और इसे रेलवे के अस्पतालों में कोविड-19 रोगियों का इलाज करने वाले चिकित्सक पहनेंगे।'
उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे चिकित्साकर्मियों के लिए पीपीई की काफी कमी है। उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने कहा,‘हम अभी प्रतिदिन 20 बना पा रहे हैं लेकिन आने वाले हफ्तों में प्रतिदिन 100 बना लेंगे।'