टेंट में रहस्यमय आग की वजह से भारतीय-चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प: वीके सिंह

Edited By Anil dev,Updated: 29 Jun, 2020 11:01 AM

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लद्दाख की गलवां घाटी में चीनी सैनिकों से साथ हुई हिंसक झड़प को लेकर केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने चौंकाने वाला दावा किया है। वीके सिंह का कहना है कि अचानक लगी आग से भारतीय सैनिक भड़क उठे थे। उनके मुताबिक, यह कह पाना मुश्किल है कि...

नई दिल्ली: लद्दाख की गलवां घाटी में चीनी सैनिकों से साथ हुई हिंसक झड़प को लेकर केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने चौंकाने वाला दावा किया है। वीके सिंह का कहना है कि अचानक लगी आग से भारतीय सैनिक भड़क उठे थे। उनके मुताबिक, यह कह पाना मुश्किल है कि चीनी सैनिकों ने तंबू में क्या रखा हुआ था जिससे वह आग लगी।  उन्होंने कहा कि फिलहाल यह कह पाना मुश्किल है कि चीनी सैनिकों ने टेंट में क्या रखा हुआ था, जिसके चलते वह आग लगी। हालांकि, वीके सिंह का यह दावा उस बात के बिल्कुल उलट है, जिसमें कहा गया था कि चीनी सैनिकों के पीछे न हटने की बात पर भारतीय सैनिकों ने टेंट उखाड़कर फेंका था।  जनरल वीके सिंह के बयान को इसलिए अहम माना जा रहा है कि अब तक ये दावा किया गया कि कर्नल संतोष बाबू की हत्या चीनी सैनिकों ने धोखे से की थी। इसके बाद भारतीय जवानों ने टैंट में आग लगा दी।

आपको बतां दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ ''हिंसक टकराव'' के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन की सीमा पर लगभग 45 साल बाद, भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की इस तरह शहादत की पहली घटना है। सूत्रों ने कहा कि हिंसक टकराव के दौरान एक अधिकारी व 20 जवान शहीद हुए जबकि चीन को भी भारी नुकसान हुआ है। सूत्रों ने कहा कि चीन के भी 43 जवान मारे गए हैं या फिर गंभीर रूप से घायल हैं। इससे पहले सेना ने बताया कि 1975 में अरुणाचल प्रदेश में तुलुंग ला में हुए संघर्ष में चार भारतीय जवान शहीद हो गए थे।


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दोनों ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई
सूत्रों ने कहा कि दोनों ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई। सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ''गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक टकराव हो गया। इस दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए।'' बताया जा रहा है कि हिंसक टकराव के दौरान शहीद हुआ अधिकारी गलवान में एक बटालियन का कमांडिंग अफसर था। गौरतलब है कि बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी समेत पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने थे। यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं। चीन की सरकार द्वारा संचालित समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपनी एक खबर में दावा किया भारतीय सैनिकों ने झड़प की शुरुआत की। वे चीनी क्षेत्र में घुस आए और चीन के सैनिकों पर हमला कर दिया।
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रक्षा मंत्री ने की हाईलेवल मीटिंग
चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के सैनिकों के शहीद होने के बाद पूर्वी लद्दाख में हालात पर विचार-विमर्श करने के लिए मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ लगातार दो बैठकें की थी। सरकारी सूत्रों ने बताया कि सिंह ने सोमवार की रात भारतीय सेना के जवानों के शहीद होने के बारे में तथा क्षेत्र में संपूर्ण स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया है। पांच हफ्ते से भी ज्यादा समय से इस क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच तनाव बना हुआ है।

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