Edited By vasudha,Updated: 21 Nov, 2018 05:23 PM
विश्व भर में भारतीय लोगों के समक्ष अवकाश की सर्वाधिक कमी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, करीब 75 प्रतिशत भारतीय अवकाश की कमी से जूझ रहे हैं, जबकि 41 प्रतिशत लोगों को काम से फुर्सत नहीं मिल पाने के कारण पिछले छह महीने में छुट्टी लेने का मौका नहीं मिला है...
नेशनल डेस्क: विश्व भर में भारतीय लोगों के समक्ष अवकाश की सर्वाधिक कमी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, करीब 75 भारतीय अवकाश की कमी से जूझ रहे हैं, जबकि 41 प्रतिशत लोगों को काम से फुर्सत नहीं मिल पाने के कारण पिछले छह महीने में छुट्टी लेने का मौका नहीं मिला है। एक्सपीडिया की अवकाश कमी रिपोर्ट 2018 के अनुसार, भारत में सर्वाधिक 75 प्रतिशत लोग अवकाश की कमी का सामना कर रहे हैं।
पूरी छुट्टियों का नहीं कर पाते उपयोग
भारत के बाद 72 प्रतिशत के साथ दक्षिण कोरिया और 69 प्रतिशत के साथ हांगकांग क्रमश: दूसरे एवं तीसरे स्थान पर है। भारत में कर्मचारी अपनी पूरी छुट्टियों का भी उपयोग नहीं कर पाते हैं। इस मामले में जापान, इटली, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बाद भारत का स्थान है। एक्सपीडिया इंडिया के विपणन प्रमुख मनमीत अहलूवालिया ने कहा कि हमने भारत में नियोक्ताओं की ओर से अवकाश के मामले में समर्थन के रवैये में वृद्धि देखी है। हालांकि, कर्मचारी अब भी अपनी पूरी छुट्टियां नहीं ले पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें महत्वपूर्ण निर्णयों से बाहर रह जाने या कम समर्पित समझ लिए जाने का भय लगा रहता है या फिर उन्हें अपने साथी के साथ घूमने का समय व्यवस्थित नहीं हो पाता है।
काम के दबाव के कारण भी नहीं ले पाते छुट्टी
अध्ययन में 18 प्रतिशत लोगों ने यह भी माना है कि जो लोग काम में सफल हैं, वे छुट्टियां नहीं लेते हैं। अहलूवालिया ने कहा कि 64 प्रतिशत भारतीय इस कारण भी छुट्टियां नहीं ले पाते हैं कि छुट्टी से लौटने के बाद उनके ऊपर काम का भारी दबाव हो जाता है। अध्ययन में यह भी पता चला है कि 17 प्रतिशत भारतीयों ने पिछले एक साल से एक भी छुट्टी नहीं ली है। हालांकि, 55 प्रतिशत भारतीयों ने यह माना है कि छुट्टियों में कमी से उनकी उत्पादकता प्रभावित होती है।