ब्रिटेन के ‘‘विंडरश स्कैंडल’’ से प्रभावित लोगों में भारतीय तीसरे नंबर पर

Edited By Yaspal,Updated: 22 Aug, 2018 11:02 PM

indians in third place among people affected by windshield scandal of uk

ब्रिटेन के ‘‘विंडरश स्कैंडल’’ से प्रभावित लोगों में भारतीय तीसरे सबसे बड़े समूह के रूप में सामने आए हैं। राष्ट्रमंडल देशों के नागरिकों से जुड़े इस आव्रजन मामले में लोगों को ब्रिटेन में नागरिकता के अधिकारों से गलत तरीके से वंचित किया गया...

लंदनः ब्रिटेन के ‘‘विंडरश स्कैंडल’’ से प्रभावित लोगों में भारतीय तीसरे सबसे बड़े समूह के रूप में सामने आए हैं। राष्ट्रमंडल देशों के नागरिकों से जुड़े इस आव्रजन मामले में लोगों को ब्रिटेन में नागरिकता के अधिकारों से गलत तरीके से वंचित किया गया। ‘‘विंडरश’’ मामला आव्रजन से संबंधित है जिसमें लोगों को गलत तरीके से कानूनी अधिकारों से वंचित रखा गया, उन्हें वापस भेजने की धमकी दी गयी और कई मामलों में गलत तरीके से अधिकारियों ने उन्हें वापस भी भेज दिया।

माइग्रेशन ऑब्जर्वेटरी के उपनिदेशक रॉब मैकनील के अनुसार विंडरश पीढ़ी का जिक्र उन लोगों के लिए किया जाता है जो 1973 से पहले आए थे जब ब्रिटेन आने वाले राष्ट्रमंडल नागरिकों के अधिकारों में कटौती की गयी थी। उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकतर लोग जमैकन और कैरिबियन मूल के थे। इनमें भारतीय और अन्य दक्षिण एशियाई भी शामिल हैं। ब्रिटेन के गृह मत्री साजिद जावेद द्वारा संसद की एक समिति को दी गयी सूचना के अनुसार 102 भारतीयों को दस्तावेज मुहैया कराए गए हैं ताकि वे ब्रिटेन में रहने और काम करने के अधिकार प्राप्त कर सकें।

राष्ट्रमंडल नागरिकों के मामलों से निपटने के लिए कार्यबल गठित किया गया है। इस कार्यबल द्वारा निपटाए गए 2272 मामलों में जमैका के 1093 और बारबाडास के 213 मामले हैं। 102 मामलों के साथ भारत तीसरे नंबर पर है।

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