Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Nov, 2017 11:32 AM
अमरीका ने अपने एशिया दौरे के दौरान विश्व के समक्ष भारत की महत्ता को उजागर करता बड़ा बयान दिया है।व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टोक्यो में संवाददाताओं से कहा, ''भारत के साथ हमारा मजबूत संबंध है और बढ़ता जा रहा...
वॉशिंगटन: अमरीका ने अपने एशिया दौरे के दौरान विश्व के समक्ष भारत की महत्ता को उजागर करता बड़ा बयान दिया है।व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टोक्यो में संवाददाताओं से कहा, 'भारत के साथ हमारा मजबूत संबंध है और बढ़ता जा रहा । यहां अमरीका ने 'एशिया-प्रशांत' की बजाय 'भारत-प्रशांत' कहने पर जोर दिया और इस शब्दावली को सही ठहराते हुए इसके बचाव में कहा कि यह भारत के आगे बढ़ने की अहमियत को बयां करता है, जिसके साथ अमरीका के मजबूत संबंध हैं और यह आगे बढ़ रहा है। हम 'भारत-प्रशांत के बारे में बात करते हैं, क्योंकि यह शब्दावली भारत के आगे बढ़ने की अहमियत को बयां करता है।'
उन्होंने कहा कि भारत-प्रशांत मुक्त समुद्री साझा हित की अहमियत बयां करता है, जो हमारी सुरक्षा और समृद्धि को जारी रखेगा। हालांकि, भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमरीका के बीच एक रणनीतिक वार्ता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने यह भी कहा कि रणनीति का मकसद चीन को रोकना नहीं है। दरअसल इससे पहले खबर आई थी कि वन बेल्ट वन रोड (OBOR) के जरिए पूरी दुनिया पर दबदबा कायम करने की मंशा पाले चीन को जवाब देने के लिए अब जापान भारत, अमरीका और ऑस्ट्रेलिया को साथ लाने की योजना बना रहा है।
प्रशांत और हिंद महासागर में भारत को मिलती इस तरजीह ने चीन को भड़का व डरा दिया है। वह इस प्रस्ताव को क्षेत्र में उसके प्रभाव से मुकाबला करने की कोशिश के तौर पर देख रहा है। हालांकि इस बारे में उसने फिलहाल बेहद सधी प्रतिक्रिया दी है और कहा कि उसे उम्मीद है इससे तीसरे पक्ष का हित प्रभावित नहीं होगा या उसे निशाना नहीं बनाया जाएगा।