वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ली

Edited By Seema Sharma,Updated: 27 Apr, 2018 10:49 AM

indu malhotra sworn in as supreme court judge

सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश नियुक्त की गईं वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा को आज भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा ने पद की शपथ दिलाई। वह देश की पहली ऐसी महिला वकील हैं जो बार (वकालत) से सीधे देश की शीर्ष अदालत में न्यायाधीश नियुक्त की गई...

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश नियुक्त की गईं वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा को आज भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा ने पद की शपथ दिलाई। वह देश की पहली ऐसी महिला वकील हैं जो बार (वकालत) से सीधे देश की शीर्ष अदालत में न्यायाधीश नियुक्त की गई हैं। मल्होत्रा (61) का नाम उन दो लोगों में शामिल था जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने शीर्ष अदालत में न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी। सरकार ने मल्होत्रा के नाम पर मंजूरी दी जबकि दूसरे नाम- उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के. एम.जोसेफ- को फिर से विचार के लिए कोलेजियम के पास भेज दिया।

जानिए कौन है इंदु मल्होत्रा

  • इंदु मल्होत्रा को 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता बनाया गया था। अब वह देश की पहली ऐसी महिला वकील बन गई हैं जो सीधे देश की शीर्ष अदालत में न्यायाधीश नियुक्त की गई हैं।      
  • वह भारत की आजादी के बाद उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त की जाने वाली सातवीं महिला हैं। इससे पहले सिर्फ छह महिलाओं की नियुक्ति शीर्ष अदालत में न्यायाधीश पद पर हुई है। इन महिला न्यायाधीशों को उच्च न्यायालयों से तरक्की देकर सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्त किया गया था। अभी न्यायमूर्ति आर.भानुमति शीर्ष न्यायालय में एकमात्र महिला न्यायाधीश हैं।
  • मल्होत्रा ने 1983 में कानूनी पेशे में कदम रखा और बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में पंजीकरण कराया।
  • वह 1988 में उच्चतम न्यायालय में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड बनीं और संवैधानिक महत्व के मामलों को देखती रही हैं।
  • वह मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों से जुड़े शैक्षणिक मामलों में नियमित तौर पर पेश होने वाले वरिष्ठ वकीलों में से एक रही हैं।
  • वह कार्यस्थलों पर यौन उत्पीडऩ के खिलाफ बनी विशाखा समिति की सदस्य रह चुकी हैं।
  • वह न्यायालय के भीतर यौन उत्पीडऩ की शिकायतों की जांच के लिए शीर्ष अदालत द्वारा गठित 10 सदस्यीय समिति में भी रही हैं।
  • वह 1991 से 1996 तक सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा के लिए स्थायी वकील रहीं। वह सेबी, डीडीए, सीएसआईआर और आईसीएआर जैसी वैधानिक संस्थाओं के लिए उच्चतम न्यायालय में पेश होती रही हैं।
  • उन्हें 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता बनाया गया था।
  • दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक मल्होत्रा का जन्म बेंगलुरु में हुआ था। उन्होंने दिल्ली यूनिर्विसटी से विधि में स्नातक किया है।

    बता दें कि न्यायमूर्ति एम.फातिमा बीबी उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश बनने वाली पहली महिला थीं। उन्होंने शीर्ष न्यायालय के 1950 में स्थापना के 39 साल बाद नियुक्त किया गया था। इसके बाद न्यायमूर्ति सुजाता एम मनोहर, न्यायमूर्ति रूमा पाल, न्यायमूर्ति ज्ञानसुधा मिश्रा, न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई और न्यायमूर्ति भानुमति शीर्ष न्यायालय की न्यायाधीश बनीं। न्यायमूर्ति ज्ञानसुधा मिश्रा और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई ने 2013 में एक नया इतिहास तब रचा जब दोनों ने पूरे दिन पूर्णत: महिला पीठ के रूप में सुनवाई की थी। कोर्ट के 67 वर्षीय इतिहास में ऐसा दूसरा अवसर तब आया जब न्यायमूर्ति देसाई एवं न्यायमूर्ति भानुमति ने इस तरह की पीठ में सुनवाई की।

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