वर्ष-2020 में जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ में कमी आई : डीजीपी

Edited By Monika Jamwal,Updated: 01 Jan, 2021 12:47 PM

infiltration in jammu and kashmir decreased in year 2020 dgp

जम्मू-कश्मीर में वर्ष-2020 के दौरान घुसपैठ, आतंकवादी घटनाओं और आम नागरिकों के मारे जाने की घटनाओं में कमी आई है और इस अवधि में सुरक्षा बलों ने सफल आतंकवाद रोधी अभियानों में 225 आतंकवादियों को मार गिराया।

जम्मू: जम्मू-कश्मीर में वर्ष-2020 के दौरान घुसपैठ, आतंकवादी घटनाओं और आम नागरिकों के मारे जाने की घटनाओं में कमी आई है और इस अवधि में सुरक्षा बलों ने सफल आतंकवाद रोधी अभियानों में 225 आतंकवादियों को मार गिराया। यह जानकारी जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने  यहां आयोजित वार्षिक प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने कहा, च्च्हमने जम्मू-कश्मीर में 100 से अधिक सफल अभियानों को अंजाम दिया। इनमें से 90 कश्मीर में और 13 जम्मू क्षेत्र में थे। इस दौरान कुल 225 आतंकवादियों को मार गिराया गया जिनमें से 207 कश्मीर घाटी में और 18 आतंकवादी जम्मू क्षेत्र में मारे गए।ज्ज् सिंह ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों में 47 विभिन्न संगठनों के शीर्ष कमांडर थे।

उन्होंने कहा, च्च्आज, विभिन्न आतंकवादी संगठनों के शीर्ष कमांडरों को मार गिराया गया है।ज्ज् डीजीपी ने बताया कि वर्ष 2020 में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 16 जवान (15 कश्मीर में और एक जम्मू में) और सुरक्षा बलों के 44 जवान (42 कश्मीर में और दो जम्मू में) आतंकवादियों के साथ लड़ते हुए शहीद हुए। सिंह ने बताया कि पुलिस और सुरक्षाबलों ने आतंकवादी संगठनों के लिए काम करने वाले लोगों (ओवर ग्राउंड वर्कर)की भी धरपकड़ की जो हथगोला फेंकने या संदेश और कुरियर पहुंचाने का काम करते थे। उन्होंने बताया, च्च् आतंकवादी संगठनों के लिए काम करने वाले 653 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनमें से 56 के खिलाफ जनसुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई।ज्ज् सिंह ने बताया कि इस साल 299 आतंकवादियों और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया जबकि 12 आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया। पुलिस प्रमुख ने बताया कि इस साल 426 हथियार, 9,000 से अधिक कारतूस एवं मैगजीन तथा विस्फोटकों का जखीरा आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान जब्त किया गया। उन्होंने बताया कि इस साल आतंकवादियों के हाथों आम नगारिकों के मारे जाने की घटनाओं में कमी आई और 38 लोगों की जान गई है जबकि पिछले साल इस तरह 44 लोगों ने जान गंवाई थी।

 

सिंह ने कहा कि पाकिस्तान जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ाना चाहता है और सांप्रदायिक समस्या उत्पन्न करना चाहता है। उन्होंने कहा, "क्षेत्र में करीब एक दर्जन आतंकवादी सक्रिय थे लेकिन अब उनकी संख्या तीन रह गई है। वे किश्तवाड़ जिले में है और हम उनका पता लगा रहे हैं।" डीजीपी ने कहा कि पाकिस्तान की तमाम कोशिशों के बावजूद इस साल घुसपैठ के मामले गत तीन साल में सबसे कम रहे। उन्होंने कहा, "इसलिए अब वे (पाकिस्तान) स्थानीय आतंकवादियों की भर्ती पर आश्रित हैं और उन्हें हथियार, विस्फोटक एवं नगदी की आपूर्ति ड्रोन के जरिये करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन ऐसी अधिकतर कोशिशें नाकाम की गई हैं।" सिंह ने कहा,"सबसे अच्छी बात यह है कि स्थानीय युवाओं के आतंकवादी संगठनों से जुडऩे की प्रवृत्ति कम हो रही है।"

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