टाइपिंग की गलती से छूटे दोषी को समर्पण करने के निर्देश

Edited By ,Updated: 09 Apr, 2017 02:12 PM

instructions for surrendering to the missing person by typing mistake

दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में टाइपिंग की गलती के कारण दोषमुक्त हुये व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट ने समर्पण करने का निर्देश दिया है।....

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में टाइपिंग की गलती के कारण दोषमुक्त हुये व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट ने समर्पण करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की बैंच ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र को कोई भी राहत देने से इन्कार कर दिया जिसे हत्या के एक मामले में एक निचली अदालत ने 30 साल जेल की सजा सुनाई थी। अदालत ने लापता दोषी के वकील से साफ कहा है कि पहले उसे समर्पण करना चाहिए और जमानत अर्जी देनी चाहिए, तभी उसकी याचिका पर विचार किया जाएगा।

शीर्ष अदालत ने दोषी को वापस जेल भेजने का निर्देश देने की मांग वाली पीड़ितों के परिजनों की एक अलग याचिका पर दिल्ली सरकार को भी नोटिस भेजा। पीठ ने कहा, ‘‘जहां तक 14 फरवरी और 22 मार्च के आदेशों की बात है तो हम इस स्तर पर स्थगन आदेश नहीं दे रहे। पहले याचिकाकर्ता समर्पण करे और जमानत अर्जी दे, जिस पर उनके गुण-दोषों के आधार पर विचार किया जाएगा.’’ शीर्ष अदालत जितेंद्र की रिहाई को ‘टाइपोग्राफिकल त्रुटि’ बताने और उसकी दोबारा गिरफ्तारी का आदेश देने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ जितेंद्र की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

 

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