Edited By Yaspal,Updated: 15 Jun, 2018 08:42 PM
केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों, विभागों एवं राज्य सरकारों को अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण के उच्चतम न्यायालय के हाल के आदेश पर अमल के निर्देश दिये हैं।
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों, विभागों एवं राज्य सरकारों को अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण के उच्चतम न्यायालय के हाल के आदेश पर अमल के निर्देश दिये हैं।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की ओर से आज इस बाबत परिपत्र (सर्कुलर) जारी किया गया। डीओपीटी ने कहा है कि सरकार के सभी मंत्रालय, विभाग, राज्य सरकारें एवं केंद्र शासित प्रदेश उच्चतम न्यायालय के गत पांच जून के आदेश के अनुरूप एससी/एसटी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण दें। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि पदोन्नति में आरक्षण संबंधी सभी आदेशों में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए कि पदोन्नति का यह आदेश इस संबंध में शीर्ष अदालत की संविधान पीठ के अंतिम फैसले पर निर्भर होगा। कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय का यह निर्देश केंद्र एवं राज्यों में एससी/एसटी श्रेणियों के सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति के मामले में लागू होगा।
5 जून को सुप्रीम कोर्ट ने दी इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी के सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण विवाद मामले में संविधान पीठ का अंतिम फैसला आने तक केंद्र सरकार को कानून के दायरे में आरक्षण लागू करने की गत 5 जून को इजाजत दी थी। अदालत में सरकार का पक्ष रखते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) मनिंदर सिंह ने कहा था कि कर्मचारियों को पदोन्नति देना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन विभिन्न उच्च न्यायालयों की ओर से जारी आदेशों एवं ऐसे ही एक मामले में यथास्थिति बनाने रखने के उच्चतम न्यायालय के 2015 के आदेश के मद्देनजर पदोन्नति में एससी/एसटी के कर्मचारियों के आरक्षण की सम्पूर्ण प्रक्रिया रुक गई है।
गौरतलब है कि कार्मिक विभाग ने 30 सितंबर 2016 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें पदोन्नति में आरक्षण पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद से एससी/एसटी समुदाय के सरकारी कर्मचारी पदोन्नति के लिए सरकार के नुमाइंदों पर दबाव बना रहे थे। साथ ही, अलग-अलग उच्च न्यायालयों के अलग निर्णय आये थे, जिसके बाद आरक्षण व्यवस्था एकरूपता से संचालित नहीं हो पा रही थी।
गत पांच जून को न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अवकाशकालीन पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसलों पर रोक लगाते हुए कहा था कि केंद्र सरकार पदोन्नति में आरक्षण दे सकती है। न्यायालय ने कहा, Þयह मामला संविधान पीठ में है, इसलिए इस पर आखिरी फैसला लेने का अधिकार संविधान पीठ के पास है। संविधान पीठ जब तक इस मामले में फैसला नहीं लेती है, तब तक केंद्र सरकार एससी/एसटी के सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देती रहेगी।