Edited By Pardeep,Updated: 22 Sep, 2020 12:42 AM
दुनिया में कोविड-19 के टीके का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। वहीं जायडस कैडिला के चेयरमैन पंकज आर पटेल ने कहा है कि भारत को अपने आबादी को व्यापक रूप से इस महामारी का टीका उपलब्ध कराने के लिए अतिरिक्त सुविधाओं के ...
नई दिल्लीः दुनिया में कोविड-19 के टीके का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। वहीं जायडस कैडिला के चेयरमैन पंकज आर पटेल ने कहा है कि भारत को अपने आबादी को व्यापक रूप से इस महामारी का टीका उपलब्ध कराने के लिए अतिरिक्त सुविधाओं के विकास पर 3,000 से 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की जरूरत होगी। इसके साथ ही पटेल ने कहा कि वैक्सीन या टीका कोविड-19 समस्या का एकमात्र समाधान नहीं है। पटेल ने कहा कि भारत को यदि एक साल में 130 करोड़ लोगों को इसकी खुराक की आपूर्ति करनी होगी, तो मेरी राय में हमें विनिर्माण सुविधाओं पर 3,000 करोड़ से 5,000 करोड़ रुपये का निवेश कर अतिरिक्त क्षमता का सृजन करना होगा।
अखिल भारतीय प्रबंधन संस्थान (एआईएमए) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में ‘‘कोविड वैक्सीन के लिए दौड़: सिर्फ इलाज से कहीं अधिक' पर पैनल चर्चा में पटेल ने कहा कि ये वैक्सीन काफी मुश्किल प्लेटफॉर्म से आ रही हैं। इस टीके की लागत अन्य वैक्सीन की तुलना में कहीं अधिक होगी। ऐसे में यह सोचने की जरूरत है कि हम इसका वित्तपोषण किस तरह से करेंगे।''
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह टीका महामारी के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। पटेल ने कहा, ‘‘मेरे विचार में सिर्फ वैक्सीन समस्या का समाधान नहीं है। हमें टीके की जरूरत तो है, साथ ही इलाज के प्रोटोकॉल की भी जरूरत है, जिससे हमें इसे संभाल पाएं। मेरी राय में दुनिया में जिस तरह से इस टीके के परीक्षण को डिजाइन किया गया है, ऐसे में 100 प्रतिशत लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता की संभावना नहीं बनती है।''
पटेल ने कहा कि इस टीके की आवश्यकता भी काफी ऊंची होगी। इस बात को ध्यान में रखते हुये की सभी टीके की कम से कम दो खुराक देनी होगी। यदि हम भारत की आबादी को देखें और 50 प्रतिशत को इसे उपलब्ध कराना है तो हमें 130 करोड़ से अधिक खुराक चाहिये। इतनी क्षमता किसी के पास नहीं है। यदि क्षमता हो भी तो भी इसे एक दिन में तैयार नहीं किया जा सकता है। यह केवल लंबे समय में ही हो सकता है। यह भी देखने की जरूरत है कि टीके से रोक प्रतिरोधक क्षमता कितने समय तक बनी रहेगी। यदि यह टीके से लंबे समय तक रहती है तो बहुत अच्छी बात है लेकिन यदि अल्प समय के लिये ही होती है तो हमें बार बार लोगों को टीका देना होगा, यह चुनौती होगी।