Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 12:02 PM
दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार कार्ति चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई से आज खुद को अलग कर लिया। मामले से अलग होने के बारे में न्यायमूर्ति कौर ने कोई वजह नहीं बताई।
नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार कार्ति चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई से आज खुद को अलग कर लिया। मामले से अलग होने के बारे में न्यायमूर्ति कौर ने कोई वजह नहीं बताई। उन्होंने बस इतना कहा कि वह इस मामले को मुख्य न्यायाधीश के पास भेजेंगी ताकि वह जमानत याचिका को आज ही किसी अन्य पीठ को सौंप दें। यह जमानत याचिका सोमवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी.हरिशंकर की पीठ के समक्ष लाई गई थी और आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई थी। कार्ति के अभिभावक पी चिदंबरम और नलिनी चिदंबरम दोनों ही वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। वे अदालत कक्ष में मौजूद थे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति ने उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी। इसके कुछ घंटे पहले एक अदालत ने उन्हें 24 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। कल एक विशेष अदालत ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में कार्ति को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अदालत ने उनकी वह याचिका भी खारिज कर दी थी जिसमें कार्ति ने खतरे की आशंका के मद्देनजर तिहाड़ जेल की अलग सेल में रखे जाने की मांग की थी। अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई का आग्रह और जेल में खतरे की बात भी खारिज कर दी। कार्ति का कहना था कि चूंकि पिछली संप्रग सरकार में बतौर केन्द्रीय मंत्री उनके पिता पी.चिदंबरम कई संवेदनशील मुद्दों से निपटे हैं, इसलिए उन्हें खतरा है।
चेन्नई में 28 फरवरी को गिरफ्तारी के बाद से कार्ति 12 दिन से सीबीआई की हिरासत में थे, एजेंसी उनसे पूछताछ कर रही थी। सीबीआई ने अदालत से कहा कि कार्ति को हिरासत में रखकर पूछताछ करने की अब जरूरत नहीं है। इसके बाद अदालत ने उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया था। अदालत ने कहा कि उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई निर्धारित तारीख15 मार्च को ही होगी।