Edited By Anil dev,Updated: 11 Mar, 2019 04:55 PM
आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया मामले में पी. चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका के संबंध में सौंपे गए अतिरिक्त दस्तावेजों रिकार्ड लेने संबंधी सीबीआई की...
नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया मामले में पी. चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका के संबंध में सौंपे गए अतिरिक्त दस्तावेजों रिकार्ड लेने संबंधी सीबीआई की अर्जी सोमवार को स्वीकार कर ली।
अदालत ने रखा था अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित
न्यायमूर्ति सुनील गौर ने दस्तावेजों को स्वीकार कर लिया और फिर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत ने इससे पहले भी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय 25 जनवरी को चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी। जबकि प्रवर्तन निदेशालय ने इससे जुड़े धन शोधन के मामले में पिछले साल मामला दर्ज किया।
क्या है मामला
वरिष्ठ कांग्रेस नेता की भूमिका 3500 करोड़ रूपए के एयरसेल-मैक्सिस सौदे और 305 करोड़ रूपए के आईएनएक्स मीडिया मामले की जांच के दौरान जांच एजेंसियों की नजर में आई थी। उच्च न्यायालय ने 25 जुलाई, 2018 को चिदम्बरम को दोनों ही मामलों में गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी और समय समय पर उसे बढ़ाया गया। संप्रग प्रथम सरकार के दौरान उनके वित्त मंत्री रहने के वक्त ही विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड ने इन दोनों उपक्रमों को मंजूरी प्रदान की थी।