Edited By Tanuja,Updated: 11 Jul, 2018 01:00 PM
ईरान ने चाबहार बंदरगाह परियोजना पर वादे के मुताबिक निवेश न करने पर भारत को धमकी दी है कि अगर भारत, ईरान से तेल आयात कम करता है और सऊदी अरब, ईराक, रूस और अमरीका जैसे देशों से तेल खरीदने की कोशिश करता है, तो ...
तेहरानः ईरान ने चाबहार बंदरगाह परियोजना पर वादे के मुताबिक निवेश न करने पर भारत को धमकी दी है कि अगर भारत, ईरान से तेल आयात कम करता है और सऊदी अरब, ईराक, रूस और अमरीका जैसे देशों से तेल खरीदने की कोशिश करता है, तो वो खुद को मिलने वाला विशेष लाभ खो सकता है। ईरान के उपराजदूत मसूद रेजवानियन राहाघी ने एक सैमीनार में कहा, "ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत चाबहार बंदरगाह के विस्तार के लिए किए गए निवेश के वादे को पूरा नहीं कर रहा है।"अमरीका की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों का जिक्र करते हुए राहाघी ने कहा कि उनका देश तेल के क्षेत्र में हमेशा से भारत का भरोसेमंद सहयोगी रहा है। ईरान ने हमेशा ही भारत को उचित कीमतों पर तेल बेचा है, ताकि दोनों देशों के हित सुनिश्चित रहें। राहाघी ने इस मामले में भारत को सोच-समझकर कदम उठाने की नसीहत भी दी।
बता दें कि पिछले महीने ही अमरीका ने भारत समेत कुछ और सहयोगी देशों को चेतावनी दी थी कि वे 4 नवंबर तक ईरान से तेल का आयात बंद कर दें। ऐसा न करने वाले देशों पर अमरीका ने प्रतिबंध लगाने की बात भी कही। इस मामले में भारत और चीन को खासतौर पर जानकारी भी दी गई। ईरान चीन को सबसे ज्यादा तेल निर्यात करता है, जबकि भारत, इराक और सऊदी अरब के बाद सबसे ज्यादा तेल ईरान से ही आयात करता है। मंगलवार को अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी सभी देशों को ईरान से 4 नवंबर तक तेल आयात बंद करने के लिए कहा।
भारत के लिए क्यों जरूरी है चाबहार प्रोजेक्ट: चाबहार बंदरगाह को भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच नया रणनीतिक रास्ता माना जा रहा है। इस पोर्ट के जरिए भारत, अफगानिस्तान और ईरान के बीच कारोबार में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। हाल ही में भारत ने पहली बार इस पोर्ट से गेहूं की बड़ी खेप अफगानिस्तान भेजी थी। इस पोर्ट के जरिए भारत, पाकिस्तान से गुजरे बिना अफगानिस्तान, रूस और यूरोप से जुड़ सकेगा। अभी तक भारत को पाकिस्तान होकर अफगानिस्तान जाना पड़ता था। भारत और ईरान दोनों ही चाहते हैं कि चाबहार का काम तय वक्त से पहले पूरा हो जाए।