Edited By Tanuja,Updated: 08 Sep, 2018 10:42 AM
एक अंतरिम समझौते के तहत एक महीने में चाबहार बंदरगाह को भारतीय कंपनी के हवाले कर दिया जाएगा ताकि वहां से काम शुरू हो सके । यह बात नीति आयोग की मोबिलिटी समिट में हिस्सा लेने के लिए भारत आए ईरान के शहरी विकास मंत्री...
इंटरनैशनल डैस्कः एक अंतरिम समझौते के तहत एक महीने में चाबहार बंदरगाह को भारतीय कंपनी के हवाले कर दिया जाएगा ताकि वहां से काम शुरू हो सके । यह बात नीति आयोग की मोबिलिटी समिट में हिस्सा लेने के लिए भारत आए ईरान के शहरी विकास मंत्री अब्बास अखुंदी ने कही। उन्होंने कहा कि उसे शुरू करने की सारी तैयारियां हो चुकी हैं।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात के बाद अखुंदी ने कहा, "हम एक कदम आगे निकल आए हैं। हम भारत के साथ मिलकर बैंकिंग व्यवस्था भी शुरू करेंगे। भारत की तरफ से इसकी अनुमति भी मिल गई है। भारत, ईरान के सेंट्रल बैंक के साथ मिलकर बैंकिंग व्यवस्था की शुरुआत कर चुका है।'' चाबहार पोर्ट के पहले चरण का उद्घाटन दिसंबर 2017 में ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने किया था। बंदरगाह से ईरान, भारत और अफगानिस्तान जुड़ेंगे जबकि पाकिस्तान अलग रहेगा।
चाबहार पोर्ट को ईरान-अफगानिस्तान के अलावा मध्य एशिया में व्यापार के लिए एक द्वार की तरह देखा जा रहा है। अब भारत, ईरान और अफगानिस्तान को आपसी व्यापार के लिए पाक की अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी। समझौते के मुताबिक, चाबहार पोर्ट के पहले चरण के लिए भारत 85.21 मिलियन डॉलर (610 करोड़ रु.) का निवेश करेगा। 10 साल की लीज पर भारत को 22.95 मिलियन डॉलर (165 करोड़ रु.) राजस्व मिलेगा।