Edited By Seema Sharma,Updated: 13 Apr, 2018 09:22 AM
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने स्वदेशी तकनीक पर निर्मित नेवीगेशन सैटेलाइट आई.आर.एन. एस.एस.-1 आई. का गुरुवार को श्रीहरिकोटा से सफल प्रक्षेपण किया, जिससे चीन-पाक को गहरा सदमा लगा है। यह भारत के नौवहन उपग्रहों की श्रेणी का 8वां उपग्रह है।
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश): भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने स्वदेशी तकनीक पर निर्मित नेवीगेशन सैटेलाइट आई.आर.एन. एस.एस.-1 आई. का गुरुवार को श्रीहरिकोटा से सफल प्रक्षेपण किया, जिससे चीन-पाक को गहरा सदमा लगा है। यह भारत के नौवहन उपग्रहों की श्रेणी का 8वां उपग्रह है।
सैटेलाइट मैप तैयार कर सकेगा भारत
इंडियन रीजनल नेवीगेशन सैटेलाइट सिस्टम (आई.आर. एन. एस.एस.) से माना जा रहा है कि भारत पहले के मुकाबले अधिक सशक्त हो सकेगा और यही कारण है कि इस समय पाकिस्तान व चीन दोनों सदमे में हैं। ये सैटेलाइट इसरो की नाविक प्रणाली का हिस्सा होगा जो कि सैटेलाइट मैप तैयार करने, समय का बिल्कुल सही पता लगाने, नेवीगेशन की पूरी जानकारी देने और समुद्री नेवीगेशन के अलावा सैन्य क्षेत्र में भी सहायता करने में सक्षम होगा।