ऑफ द रिकॉर्डः क्या दिल्ली में भाजपा के छुपे रुस्तम हैं हरदीप पुरी?

Edited By Pardeep,Updated: 28 Sep, 2019 05:04 AM

is hardeep puri the hidden secret of bjp in delhi

2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने जीत के लिए काफी कोशिश की। यहां तक कि वह इसके लिए किरण बेदी को पार्टी में लेकर आई लेकिन इसके बावजूद सफल न हो सकी। अब भाजपा ने फैसला किया है कि इस बार किसी भी व्यक्ति को दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद के...

नेशनल डेस्कः 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने जीत के लिए काफी कोशिश की। यहां तक कि वह इसके लिए किरण बेदी को पार्टी में लेकर आई लेकिन इसके बावजूद सफल न हो सकी। अब भाजपा ने फैसला किया है कि इस बार किसी भी व्यक्ति को दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद के उम्मीदवार के तौर पर प्रोजैक्ट नहीं किया जाएगा। यह चुनाव मोदी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर जो दो राज्य मंत्रियों हरदीप पुरी और नित्यानंद राय के साथ दिल्ली के प्रभारी हैं, दिल्ली भाजपा की चुनावी तैयारियों की देखरेख करेंगे। 
PunjabKesari
वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि जावड़ेकर को चुनाव अभियान का नेतृत्व करने के लिए इसलिए चुना गया है क्योंकि उन्होंने विभिन्न राज्यों में चुनावों के दौरान संगठनात्मक मामलों को हैंडल किया है। इसके अलावा वह दिल्ली की राजनीति में अपेक्षाकृत आऊटसाइडर हैं और इसलिए किसी भी तरह के पूर्वाग्रह अथवा गुटों से अप्रभावित रहेंगे। 
PunjabKesari
पार्टी नेताओं का कहना है कि राजधानी में बहुत से मामलों की गहरी समझ होने के कारण (खास तौर पर आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री होने के नाते) पुरी भाजपा की नैचुरल च्वाइस हैं। वरिष्ठ नेताओं को विश्वास है कि वह सीलिंग, मास्टर प्लान और दिल्ली मैट्रो को महिलाओं के लिए नि:शुल्क बनाने के मामले में विरोधियों से अच्छी तरह से निपट सकते हैं। आई.एफ.एस. और सिख होने के नाते भाजपा के लिए उनका महत्व और भी बढ़ जाता है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि दिल्ली में कालोनियों का नियमितीकरण मुख्य मुद्दा होगा और भाजपा अपनी उपलब्धियां बताना चाहेगी। ऐसी स्थिति में पुरी की ओर से किया गया काम महत्वपूर्ण हो जाता है। 
PunjabKesari
सह प्रभारी के तौर पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को पूर्वांचली मतदाताओं को भाजपा की ओर आकर्षित करने का काम करना होगा। एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि बिहार में अपने नैटवर्क की बदौलत वह राजधानी में प्रवासी मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं। दिल्ली के 20 विधानसभा क्षेत्रों में पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड का काफी प्रभाव है। यहां उनका वोट शेयर 17 से 47 प्रतिशत तक है। वे दिल्ली की जनसंख्या का 30 प्रतिशत है। हरदीप पुरी के साथ एक और सकारात्मक बात यह है कि वह दिल्ली में पार्टी के लिए नया चेहरा हैं और किसी भी गुट से नहीं जुड़े हैं। इसके अलावा पी.एम. उन्हें पसंद करते हैं और इसीलिए उन्हें 3 अहम मंत्रालयों नागरिक उड्डयन और शहरी मामले (स्वतंत्र प्रभार) तथा वाणिज्य (राज्य मंत्री) की जिम्मेदारी दी गई है। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!