इशरत एनकाउंटर मामले में 4 अगस्त को सीबीआई कोर्ट में आएगा फैसला

Edited By Yaspal,Updated: 19 Jul, 2018 12:08 AM

ishrat was a terrorist of lashkar lawyer

इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ प्रकरण की सुनवाई कर रही सीबीआई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को दो प्रमुख आरोपियों पूर्व आईपीएस अधिकारी डी जी वंजारा और पुलिस अधिकारी एन के अमीन की आरोप मुक्ति अर्जियों पर सुनवाई पूरी कर ली और यह 4 अगस्त को इस संबंध में अपना...

अहमदाबादः इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ प्रकरण की सुनवाई कर रही सीबीआई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को दो प्रमुख आरोपियों पूर्व आईपीएस अधिकारी डी जी वंजारा और पुलिस अधिकारी एन के अमीन की आरोप मुक्ति अर्जियों पर सुनवाई पूरी कर ली और यह 4 अगस्त को इस संबंध में अपना फैसला सुनायेगी। बचाव पक्ष के वकील वी डी गज्जर ने बताया कि अदालत चार अगस्त को अगली तिथि पर अपना फैसला सुनायेगी।

जून 2004 में मुंबई निवासी 18 वर्षीय इशरत, उसके पुरूष मित्र प्रणयेश पिल्लई उर्फ जावेद शेख तथा दो पाकिस्तानी नागरिकों को गुजरात पुलिस ने कथित तौर पर यहां मार गिराया था। बाद में सीबीआई ने इसे फर्जी मुठभेड़ करार दिया हालांकि गुजरात पुलिस अपने इस दावे पर कायम रही कि चारो पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्करे तैयबा से जुड़े थे और तत्कालीन मुयमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या की नीयत से आये थे।

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सीबीआई अदालत के जज जे के पंडया ने ही इस मामले में एक अन्य आरोपी और राज्य के पूर्व डीजीपी पी पी पांडेय की आरोप मुक्ति अर्जी स्वीकार कर उन्हें बरी कर दिया था। श्री वंजारा और अमीन ने उनकी रिहाई का हवाला देते हुए आरोप मुक्ति अर्जी दायर की थी। उनका दावा है कि यह मुठभेड़ सही था और सीबीआई ने तत्कालीन सरकार के इशारे पर राजनीतिक षडयंत्र के तहत उन्हें फंसाने के लिए गलत तरीके से उन्हें आरोपी बनाया था। सीबीआई और इशरत की मां ने इन अर्जियों का विरोध किया है।

कथित फर्जी मुठभेड़ में मारी गई इशरत जहां की मां की अर्जी का विरोध करते हुए पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा के वकील ने बुधवार को यह दावा करने के लिए अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली की गवाही का हवाला दिया कि इशरत जहां का आतंकवादियों के साथ संबंध था।

विशेष सीबीआई न्यायाधीश जे के पांड्या इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपमुक्त करने के लिए वंजारा और गुजरात के सेवानिवृत पुलिस अधिकारी एन के अमीन की ओर से लगायी गयी अर्जियों पर सुनवाई कर रहे हैं। वंजारा के वकील वी डी गज्जर ने दलील दी कि इशरत मासूम नहीं थी जैसा कि उसकी मां शमीमा कौसर ने दावा किया है। कौसर वंजारा और अमीन की अर्जियों का विरोध करते हुए विशेष सीबीआई अदालत पहुंची थी। इशरत 15 जून ,2004 को अहमदाबाद के बाहरी इलाके में कथित मुठभेड़ में मारी गयी थी।

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