Edited By ,Updated: 14 Jul, 2016 08:22 AM
आतंक का चेहरा बन चुके इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) के आतंकी अब हर जगह फैलते जा रहे हैं और बड़ी आसानी से वारदातों को अंजाम भी दे रहे हैं।
नई दिल्ली: आतंक का चेहरा बन चुके इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) के आतंकी अब हर जगह फैलते जा रहे हैं और बड़ी आसानी से वारदातों को अंजाम भी दे रहे हैं। क्या आफको मालूम हैं ये आतंकी एक-दूसरे से कैसे संपर्क में रहते हैं और क्यों ग्रुप के हैंडलर पकड़ में नहीं आते। भारतीय सुरक्षा एजैंसियों के सूत्रों से पता चला है कि IS आतंकी और उसके समर्थक इंटरनैट और सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे से बातचीत करते हैं। इस आतंकी संगठन के लोग ऐसे इंटरनेट और मोबाइल एप्लिकेशन का प्रयोग करते हैं, जिनमें उम्दा प्राइवेसी पॉलिसी हो।
इस संगठन ने बाकायदा एक गाइड या नियमों की बुक ऑनलाइन जारी की है, जिसके जरिए समर्थकों को चैट एप, एनक्रिप्टेड ईमेल सर्विस और इंटरनैट पर संचार के मौजूदा उपकरणों के प्रयोग की पूरी जानकारी दी जाती है। इस्लामिक स्टेट ने अपने समर्थकों को ओपेरा मिनी ब्राउजर, Tor, Onion, Aviator जैसे इंटरनेट ब्राउजर और Hushmail, ProtonMail व Tutanota जैसे प्राइवेट और एन्क्रिप्टेड ई-मेल सेवाओं का प्रयोग करने की सलाह दे रखी है।
एन्क्रिप्टेड वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VoIP) सर्विस के लिए आईएस समर्थक FaceTime, Linphone, IO Swisscom, Silent Circle, RedPhone, Signal जैसे एप्लिकेशन का इस्तेमाल करते हैं। इस आतंकी संगठन से जुड़े लोग मैसेजिंग के लिए वॉट्सएप की बजाए Telegram, SureSpot, Threema, Wickr, Cryptocat, PQChat, Sicher और iMessage जैसे सुरक्षित और निजी एप्लिकेशन का प्रयोग करते हैं।
ये लोग सुरक्षित क्लाउड स्टोरेज, फाइल होस्टिंग और फाइल शेयरिंग सर्विस के लिए Mega, SpiderOak, SugarSync, Copy.com, TrueCrypt, VeraCrypt और Windows BitLocker जैसी स्टोरेज सर्विस का इस्तेमाल करते हैं। इस्लामिक स्टेट ने अपने समर्थकों को वॉट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक का इस्तेमाल न करने को कहा है क्योंकि इनमें प्राइवेसी प्रोटेक्शन के खास इंतजाम नहीं हैं।