Edited By Tanuja,Updated: 30 Jan, 2021 05:37 PM
सूत्रों के मुताबिक इसराईल के रक्षा प्रतिष्ठानों ने हमले के पीछे ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC ) पर शक जताया है। इससे पहले हमले की आशंका के चलते इसराईल ने दुनिया भर के अपने दूतावासों में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश जारी किए...
इंटरनेशनल डेस्कः दिल्ली में इसराईली दूतावास के बाहर बम धमाके के बाद बेशक इसराईल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भारत पर विश्वास जताया है । लेकिन घटना की जांच के लिए इसराईल अपनी एक टीम भेजने की तैयारी कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसराइल नई दिल्ली में शुक्रवार को उसके दूतावास के बाहर हुए विस्फोट की जांच के लिए एक टीम भेजेगा। इसराईल का यह फैसला भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के अपने समकक्ष मीर बेन-शब्बत से बातचीत के बाद लिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक इसराईल के रक्षा प्रतिष्ठानों ने हमले के पीछे ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC ) पर शक जताया है। इससे पहले हमले की आशंका के चलते इसराईल ने दुनिया भर के अपने दूतावासों में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश जारी किए गए थे। बता दें कि शुक्रवार को नई दिल्ली में इसराईली दूतावास के पास कम तीव्रता वाला एक धमाका हुआ। घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर दूतावास के आसपास के क्षेत्र में खड़ी कई कारों की विंडस्क्रीन क्षतिग्रस्त हो गई। यह विस्फोट दिल्ली के विजय चौक से ज्यादा दूर नहीं हुआ, जहां 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह के दौरान भारतीय राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई VVIP मौजूद थे। इस बीच शनिवार को भारत में इसराईल के राजदूत रॉन मलका ने कहा कि धमाके की जांच के लिए भारत और इसराईल के बीच पूर्ण सहयोग है। उन्होंने हा कि ये धमाका एक तंकी हमला हो सकता है।
गौरतलब यह भी है कि इस हमले की जिम्मेदारी जैश उल हिंद नामक संगठन ने ली है। इस संगठन ने दावा किया है कि उसने ही दूतावास के सामने धमाका करवाया है। खुफिया एजेंसियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलिग्राम पर एक चैट पाया है, जिसमें कहा गया कि सर्वशक्तिमान अल्लाह की कृपा और मदद से, जैश उल हिंद के सैनिक दिल्ली के एक हाई सिक्योरिटी इलाके में घुसपैठ करने और IED हमले को अंजाम दे पाए।