Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 May, 2018 09:03 PM
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह इसरो जासूसी मामले में पूर्व वैज्ञानिक एस नंबीनारायण को फंसाने वाले एसआईटी अधिकारियों की भूमिका की नए सिरे से जांच के लिए केरल सरकार से कह सकता है। न्यायालय ने हालांकि काफी समय बीत जाने की वजह से उनके खिलाफ...
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह इसरो जासूसी मामले में पूर्व वैज्ञानिक एस नंबीनारायण को फंसाने वाले एसआईटी अधिकारियों की भूमिका की नए सिरे से जांच के लिए केरल सरकार से कह सकता है। न्यायालय ने हालांकि काफी समय बीत जाने की वजह से उनके खिलाफ किसी तरह की विभागीय कार्रवाई से इनकार कर दिया है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ पूर्व इसरो वैज्ञानिक की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में राज्य के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यू और अन्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी जो केरल में 1994 में बने उसे विशेष जांच दल में शामिल थे जिन्होंने उन्हें फंसाया था। पीठ में न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड़ भी शामिल हैं।
पीठ ने केरल के वकील से पूछा कि क्या इन पुलिस अधिकारियों की भूमिका तय करने के लिए कोई जांच हुई थी। राज्य सरकार के वकील ने कहा , ‘ हमनें जांच की और पुलिस अधिकारियों की कोई भूमिका नहीं मिली थी।’ इस पर पीठ ने पूछा , ‘तब उन्हें (वैज्ञानिक को ) क्यों गिरफ्तार किया गया। ’ नारायणन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरि ने न्यायालय को बताया कि इसरो मामले में पूरी जांच ही ‘ दुर्भावनापूर्ण ’ थी।