Edited By ,Updated: 03 Oct, 2016 03:15 PM
स्तान में घुसकर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक में भारतीय कमांडो के साथ-साथ एक और बड़ी ताकत का हाथ था
नई दिल्लीः पाकिस्तान में घुसकर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक में भारतीय कमांडो के साथ-साथ एक और बड़ी ताकत का हाथ था, जाे इन कमांडो के लिए आंख और कान का काम रही थी। दरअसल इस पूरे अभियान की सफलता के पीछे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का बड़ा हाथ है।
आतंकी कैंपाें की दी जानकारी
बीते 22 जून को इसरो ने कारटेसैट-2 नाम के सेटेलाइट का प्रक्षेपण किया था, जिसकी मदद से ही भारतीय सेना को बताया गया था कि पाकिस्तान में कहां पर कितने आतंकवादियों के कैंप हैं, जिन कैपों को ध्वस्त न करना था उनकी तस्वीर भी इस सैटेलाइट से ली गई थीं। इसरो देश की सुरक्षा के लिए सबसे अहम भूमिका निभा रही है। इसमें काम करने वाले वैज्ञानिकों ने अपनी मेहनत और कम बजट के बावजूद इतनी क्षमता विकसित कर ली है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के घर के बाहर कितनी कारें खड़ी हैं उसे भी आसानी से सैटेलाइट के माध्यम से देखा जा सकता है।
पाक की हर हरकत पर नजर
इसके साथ ही पाकिस्तान के टैंक, ट्रक और लड़ाकू विमान को गिना जा सकता है।इसरो से जुड़े सूत्रों की मानें तो भारत की इस एजेंसी ने इतना बड़ा तंत्र विकसित कर लिया है कि सीमाओं पर होनी वाली हर हरकत पर आसानी से नजर रखी जा सकती है और सेनाओं को भी सूचना देती है। कारटोसेट-2 सीरीज के उपग्रह एक मिनट तक का वीडियो बना सकते हैं। पाकिस्तान में ऐसा अंतरिक्ष कार्यक्रम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। चीन के पास भी इस तरह की सुविधा नही है।