Edited By ,Updated: 20 Feb, 2017 02:46 PM
अक्सर लोग अपनी पत्नी या प्रेमिका को चांद-तारों के बीच ले जाने का सपना दिखाते हैं।
नई दिल्ली : अक्सर लोग अपनी पत्नी या प्रेमिका को चांद-तारों के बीच ले जाने का सपना दिखाते हैं। अब वे जल्द ही इसे पूरा कर सकेंगे, क्योंकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रमा से ऊर्जा हासिल करने की तकनीकी ईजाद कर लिया है। यहा जानकारी इसरो के वैज्ञानिक सिवाथनु पिल्लई ने दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत अपनी जरूरतों के हिसाब चंद्रमा से ऊर्जा हासिल करने लगेगा। उनके मुताबिक, चंद्रमा पर भारी मात्रा में हीलियम-3 है। इसी से भारत को ऊर्जा मिल पाएगी। सिवाथनु ने बताया कि इसरो के वैज्ञानिक चांद की मिट्टी धरती पर लाने की तैयारी कर रहे हैं ताकि हीलियम-3 हासिल किया जा सके। हीलियम-3 हीलियम का आइसोटॉप है, जिसे ऊर्जा में बदला जा सकता है।
इस दौरान उन्होंने ‘कल्पना चावला स्पेस पॉलिसी’ विषय पर कहा कि वो दिन दूर नहीं जब लोग चांद पर हनीमून मनाने जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस सपने को पूरा होने में कुछ दशक का समय लग सकता है। कार्यक्रम में लेफ्टिनेंट जनरल और भारतीय सेना के परिप्रेक्ष्य योजना के निदेशक पीएम बाली ने कहा कि जीसेट-7 ऐसा पहला सेटेलाइट है, जो पूरी तरीके से सेना के लिए काम करती है। हाल ही में इसरो के वैज्ञानिकों ने एक रॉकेट की मदद से 104 सेटेलाइट प्रक्षेपित कर विश्व रिकॉर्ड कायम किया है। इतना ही नहीं इसरो दुनिया में सबसे कम खर्च में मंगल मिशन को पूरा कर चुका है।